जबलपुर: मां-बेटी की हत्या, सौतेले पिता ने दिया वारदात को अंजाम, आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार

मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में सौतेले पिता के हमले में घायल किशोरी महक की इलाज के दौरान मौत हो गई. वह अपनी मां को बचाते हुए घायल हुई थी. मां की मौके पर ही मौत हो गई थी. आरोपी रामजी भूमिया को गिरफ्तार कर लिया गया है और दोहरी हत्या का मामला दर्ज किया गया है.

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जबलपुर के बरगी थाना क्षेत्र अंतर्गत 8 दिन पहले दूसरी पत्नी और सौतेली बेटी पर प्राणघातक हमले में गंभीर रूप से घायल बेटी की इलाज के दौरान शनिवार को मौत हो गई. जबकि पत्नी राधा (अंजुम बानो) की मौत घटनास्थल पर उसी दिन हो गई थी. घटना बरगी थाना के पटेल तिराहा की है. पुलिस ने हमले में इस्तेमाल कुल्हाड़ी जब्त कर ली और आरोपी रामजी भूमिया को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. रामजी का बेटा तौसीफ भूमिया समाज की युवती से प्रेम करता था और उससे शादी करना चाहता था, यही विवाद और फिर हत्या की वजह बनी.

पहले समझते हैं घटनाक्रम
रामजी शराब पीने का आदी था। 6 जून की रात राधा और उसकी बेटी कमरे में सो रहे थे, तभी रामजी घर पहुंचा, तो गैर हिंदू समाज में तौसीफ की शादी को लेकर पति-पत्नी के बीच विवाद हो गया। रामजी का कहना था कि ये तौसीफ, राशिद की औलाद है. इसलिए वह अपने समाज में शादी करे। तर्क-वितर्क में विवाद इतना बढ़ा कि रामजी ने कुल्हाड़ी उठाई और पत्नी राधा पर ताबड़तोड़ चार वार किए. राधा जमीन पर गिर गई और उसकी मौत हो गई. पास में सो रही 17 वर्षीय किशोरी ने मां को बचाने की कोशिश की, तो रामजी ने उस पर भी हमला कर दिया। किशोरी के पीठ, पेट और सिर में गंभीर चोट आई थी.

गांव की लड़की से विवाह करना चाहता था तौसीफ राशिद की औलाद तौसीफ गांव की भूमिका समाज की लड़की से शादी करना चाहता था। इसे लेकर आए दिन घर में झगड़े होते थे। क्योंकि रामजी इसके लिए तैयार नहीं था। वह तौसीफ को गैर हिंदू मानता था और नहीं चाहता था कि वह हिंदू लड़की से शादी करे। जबकि राधा का कहना था कि वह रामजी से शादी कर चुकी है, तो बेटा-बेटी भी हिंदू हुए।

जंगल में भाग गया था आरोपी,
पत्नी और सौतेली बेटी पर हमले के बाद आरोपी रामजी बरगी के जंगल में भाग गया था। ग्रामीणों की सूचना पर पहुंचे एसडीओपी, थाना एवं चौकी प्रभारी घायल किशोरी को अस्पताल पहुंचाया और शव का पोस्ट मार्टम कराया। आरोपी को 7 जून को गिरफ्तार किया गया। बरगी चौकी प्रभारी सरिता पटेल ने बताया कि आरोपी दोनों बच्चों को बहुत चाहता था, पर सौतेला बेटा भूमिया समाज की लड़की से शादी करना चाहता था। रामजी का कहना था कि वह हमारी रिश्तेदार है और उस लड़की से तुम्हारी शादी नहीं हो सकती। इस बात को लेकर अक्सर रामजी और राधा के बीच विवाद होता था। घटना वाले दिन भी रामजी शराब पीकर घर पहुंचा, तो राधा ने बेटे की शादी की बात छेड़ दी।

मूल रूप से छिंदवाड़ा जिले के चांदामेटा निवासी राधा उर्फ अंजुम की यह दूसरी शादी थी। पहले पति शहीद शाह से उसके तीन संतानें थीं, जिनका नाम तौसीफ, आसिफ और महक है। लगभग 12 साल पूर्व शहीद और अंजुम अलग हो गए थे। उसके बाद अंजुम ने बरगी निवासी रामजी से विवाह कर लिया था। वह अपने दो बच्चों महक और आसिफ के साथ रामजी के साथ रहने लगी थी.

पुलिस के अनुसार घटना वाली रात रामजी का विवाद अपने सौतेले बेटे आसिफ से हुआ था, क्योंकि वह अपने ही समाज की युवती से विवाह करना चाहता था. रामजी इस रिश्ते से नाखुश था, क्योंकि उसे संप्रदाय की असमानता स्वीकार नहीं थी. इसी बात को लेकर बहस पत्नी राधा से भी हुई, जो खूनी वारदात में बदल गई.

पुलिस ने सौंपा शव
महक का शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है. पुलिस ने बताया कि मामले में अब दोहरी हत्या की धाराएं जोड़ दी गई हैं और विस्तृत जांच जारी है. ग्रामीणों में घटना को लेकर रोष बना हुआ है.

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