Uttar Pradesh: भारत के राष्ट्रपतीय राजपत्र संविधान अनुसूचित जनजाति आदेश संशोधन अधिनियम-2002 द्वारा बलिया जिले में निवास करने वाले गोंड, खरवार जाति को अनुसूचित जनजाति के रूप में मान्यता दी गई है. प्रमुख सचिव समाज कल्याण अनुभाग-3, शासनादेश 3 नवम्बर 2021 भी गोंड अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र जारी करने हेतु विस्तृत दिशा निर्देश दिया गया है जिसका अनुपालन कराने की मांग को लेकर आज गोंडवाना स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आगसा) का मॉडल तहसील पर चल रहा धरना 16 जून 2025 को 141वें दिन भी जारी रहा.
क्रमिक अनशन के 15 वें दिन अग्रसंडाह निवासी सुनील गोंड व देवरिया कला के लालचंद शाह रहे! इंडियन पीपुल्स सर्विसेज (आईपीएस) के राष्ट्रीय सचिव डॉ अवैस असगर हासमी व वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अग्रेश मौर्या ने संयुक्त रूप से कहा कि राजपत्र शासनादेश संविधान का अनुपालन लेखपाल व तहसीलदार द्वारा नहीं किया जाना घोर अराजकता है.
पूर्वांचल छात्र संघर्ष समिति के संयोजक नागेन्द्र बहादुर सिंह झुन्नू ने कहा कि जनजाति गोंड, खरवार छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न करे जिला व तहसील प्रशासन! जनजाति गोंड, खरवार समुदाय के लोग जाति प्रमाण पत्र के अभाव में अगली कक्षा में प्रवेश, छात्रवृति तथा सरकारी नौकरी का फॉर्म भरने से वंचित हो जा रहें हैं. इनके संवैधानिक अधिकारों का हनन कर रहा है तहसील और जिला प्रशासन! धरना क्रमिक अनशन के समर्थन में मनोज शाह, सुरेश शाह, जीउत गोंड, एड.मुलायम गोंड, अरविंद गोंडवाना, आदित्य गोंड, रामनाथ गोंड, बच्चालाल गोंड, कन्हैया गोंड, रामप्रसाद गोंड, अभिषेक गोंड, पंचम गोंड, भारत गोंड, कमलेश गोंड, रघुनाथ गोंड, लल्लन गोंड, रामनारायण गोंड, सोनू कुमार आदि लोग रहे.