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हवाला सरगना, अवैध दस्तावेज और जालसाजी का नेटवर्क… पाकिस्तानी नागरिक मलिक पर कसा ईडी का शिकंजा

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पाकिस्तानी नागरिक आजाद मलिक के खिलाफ कोलकाता की विशेष PMLA अदालत में चार्जशीट दाखिल की है. मलिक पर फर्जी दस्तावेजों से भारतीय पहचान पत्र बनवाने और भारत-बांग्लादेश हवाला नेटवर्क चलाने का आरोप है. ईडी की जांच में पाया गया कि वह अवैध रूप से पैसे ट्रांसफर करता था और विदेशी वीजा भी बनवाता था.

ईडी ने पाकिस्तानी नागरिक आजाद मलिक उर्फ अहमद हुसैन अजाद उर्फ अजाद हुसैन के खिलाफ कोलकाता की विशेष PMLA अदालत में चार्जशीट दायर की है. कोर्ट ने आरोपी को नोटिस जारी कर सुनवाई की अगली तारीख तय की है. ईडी की यह जांच पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा विदेशी अधिनियम 1946 की धारा 14 और 14A के तहत दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू हुई थी.

15 अप्रैल 2025 को हुई तलाशी में मलिक भारत में बिना वैध दस्तावेजों के रहते हुए पाया गया. जांच में पाया गया कि वो पाकिस्तानी मूल के नागरीकों का अवैध तरीके से भारतीय पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज बनवाने के गिरोह का सरगना था और इसकी एवज में मोटी रकम वसूल करता था. मलिक पाकिस्तानी नागरिक है, जिसने भारत में रहने के लिए फर्जी पहचान पत्र और कागजात बनाए.

पहचान छिपाने के लिए अपनाया ये हथकंडा

उसके मोबाइल से 1994 में बना पाकिस्तानी ड्राइविंग लाइसेंस मिला, जिसमें उसका नाम अजाद हुसैन, पिता का नाम मुमताज़-उल-हक़ और पता पाकिस्तान का दर्ज था. जन्मतिथि 14 अगस्त 1971 थी और यह लाइसेंस पाकिस्तान के हैदराबाद से जारी हुआ था. अपनी पहचान छिपाने के लिए उसने आजाद मलिक नाम अपनाया और आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी और पासपोर्ट जैसे कई भारतीय पहचान पत्र फर्जी दस्तावेजों के ज़रिए बनवाए.

ईडी की जांच में यह भी सामने आया कि मलिक भारत-बांग्लादेश के बीच हवाला नेटवर्क चला रहा था. मलिक नकद और UPI के ज़रिए पैसे लेता और फिर Bkash जैसे प्लेटफॉर्म के माध्यम से बांग्लादेश में पैसे ट्रांसफर करता था. वह बांग्लादेशी नागरिकों के लिए विदेशों (दुबई, कंबोडिया और मलेशिया) में जाने के लिए वीजा और पासपोर्ट बनवाने का भी काम करता था. इसके लिए बांग्लादेशी टका, अमेरिकी डॉलर और भारतीय रुपये में पैसा लेता था.

फॉरेन करेंसी एक्सचेंज के जरिए धोखाधड़ी

इतना ही नहीं, आरोपी कोलकाता स्थित कुछ फॉरेन करेंसी एक्सचेंज (FFMC) के जरिए भी धोखाधड़ी कर रहा था. मलिक अपराध से अर्जित आय यानी मोटी रकम को फ़ोरेन करेंसी सेल्स की आय दिखाकर सरकार की आंखों में धूल झोंक रहा था. फिलहाल, आरोपी न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है और मामले में आगे की जांच अभी भी जारी है.

 

 

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