छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बांग्लादेशी घुसपैठियों की धरपकड़ तेज हो गई है। टिकरापारा थाना क्षेत्र में सोमवार को कार्रवाई करते हुए पुलिस ने तीन परिवारों के 10 संदिग्ध सदस्यों को हिरासत में लिया। इन सभी पर बांग्लादेश से अवैध रूप से भारत में घुसपैठ कर रायपुर में रहने का संदेह है। क्राइम ब्रांच और एसटीएफ की टीमें संयुक्त रूप से इन संदिग्धों से पूछताछ कर रही हैं, जिसका मकसद इस संभावित अवैध प्रवास के नेटवर्क का पता लगाना है।
इस कार्रवाई को लेकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उम्मेद सिंह ने कहा कि हिरासत में लिए गए व्यक्तियों से पूछताछ जारी है और पुलिस इस बात की गहराई से जांच कर रही है कि क्या यह लोग किसी संगठित गिरोह के सदस्य हैं जो अवैध रूप से लोगों को सीमा पार कराकर यहां बसाते हैं। उन्होंने कहा कि पूछताछ पूरी होने के बाद ही इस मामले की पूरी सच्चाई सामने आ पाएगी।
10 सालों से रायपुर में निवासरत
हिरासत में लिए गए तीनों परिवार दावड़ा कालोनी और धरमनगर इलाके में किराये के मकानों में रह रहे थे। ये लोग पिछले 10 सालों से भी अधिक समय से रायपुर में निवास कर रहे थे और शहर में अंडे का ठेला लगाने या दिहाड़ी मजदूरी जैसे छोटे-मोटे काम करके अपना गुजारा कर रहे थे। पुलिस अब इन सभी के दस्तावेजों की पड़ताल कर रही है।
आसपास के लोग पुलिस को दे रहे सूचना
हाल ही में धरमनगर में एक दंपती और उनकी बेटी के बांग्लादेशी नागरिक होने की पुष्टि ने पुलिस और खुफिया एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। इसके बाद से ही स्थानीय लोग भी अपने आसपास रहने वाले संदिग्ध व्यक्तियों की सूचना पुलिस को दे रहे हैं। वहीं, हिरासत में लिए गए संदिग्धों में दो नाबालिग भी शामिल हैं। शुरुआती जांच में पता चला है कि ये सभी कथित तौर पर बांग्लादेश से कोलकाता के रास्ते अवैध रूप से भारत में दाखिल हुए थे और फिर अपने किसी परिचित की मदद से रायपुर पहुंचे थे।
पुलिस अब उन मददगारों की भी तलाश कर रही है जिन्होंने इन लोगों को यहां रहने में सहायता की। एसएसपी डा. लाल उम्मेद सिंह ने बताया कि पुलिस हर पहलू पर गंभीरता से जांच कर रही है और जल्द ही इस मामले से जुड़े सभी तथ्यों का खुलासा किया जाएगा।