मैहर : नगर पालिका परिषद क्षेत्र की बहुप्रचारित सीवरेज परियोजना अब विकास का नहीं, बल्कि विनाश का प्रतीक बनती जा रही है.वर्षों से अधूरे पड़े निर्माण कार्य ने न केवल यातायात व्यवस्था को ठप कर दिया है, बल्कि आमजन का जीवन भी संकट के मुहाने पर खड़ा है.नगर पालिका सीवरेज समिति की सभापति श्रीमती रामलली दुबे और समाजसेवी पवन दुबे ने संयुक्त रूप से तीखा विरोध दर्ज कराते हुए निर्माण एजेंसी और प्रशासन पर लापरवाही तथा कार्य गुणवत्ता के प्रति गंभीर न होने के सीधे आरोप लगाए हैं.
वर्तमान में कचहरी के सामने सरलानगर रोड पर चल रहा कार्य न केवल घटिया गुणवत्ता का परिचायक है, बल्कि सुरक्षा मानकों की खुली अवहेलना भी है.सड़क पर गहरे गड्ढे, चारों ओर फैली मिट्टी के ढेर, बिना बैरिकेडिंग के खुले विद्युत ट्रांसफार्मर और झूलती तारें यह सब मानो किसी दुर्घटना को आमंत्रण दे रहे हों.
सभापति रामलली दुबे ने आक्रोशित स्वर में कहा कि यह कैसा विकास है जहां जनता पैदल निकलने तक को तरस रही है? न कोई वैकल्पिक रास्ता बनाया गया, न रात्रिकालीन कार्य हो रहा है और न ही सुरक्षा या गुणवत्ता के तय मानकों का पालन किया जा रहा है। ऐसा प्रतीत होता है मानो जनजीवन को रौंदकर यह परियोजना जबरन थोपी जा रही है.
पूर्व में इसी एजेंसी की लापरवाही से तीन निर्दोष लोगों की जान भी जा चुकी है। अब यह सवाल खड़ा होता है कि आखिर और कितनी जानें लेने के बाद प्रशासन जागेगा? यह स्थिति अब बर्दाश्त के बाहर है. इसी विषय पर समाजसेवी पवन दुबे का स्वर और भी तीव्र था। उन्होंने प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह केवल जन असुविधा का मामला नहीं है यह एक सुनियोजित जन-हत्या की तैयारी है.
तीन लोगों की मौत पहले ही इस लापरवाही की भेंट चढ़ चुकी है अब प्रशासन किसकी बारी का इंतजार कर रहा है? क्या सीवरेज लाइन बिछाने के नाम पर शवों की कतार खड़ी की जा रही है? प्रशासन आंखें बंद कर बैठा है, और ठेकेदार कंपनी बेफिक्र है.