बिरगांव में प्रसूता की मौत: जांच रिपोर्ट में हास्पिटल प्रभारी और मेल नर्स दोषी पाए गए, होगी कार्रवाई

रायपुर। बिरगांव के शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव के बाद महिला की मृत्यु के मामले में अस्पताल की प्रभारी डॉ. अंजना कुमार लाल एवं मेल नर्स अनुपम को दोषी करार दिया गया है। शासन के निर्देश पर बनाई गई चार सदस्यीय कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सीएमएचओ को दी है, जिसे कार्रवाई के लिए शासन को प्रेषित कर दिया गया है

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सूत्रों के अनुसार जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि, साक्षी निषाद को प्रसव के बाद भी अत्यधिक रक्तस्त्राव हो रहा था, जिसकी वजह से वह बेसुध हो चुकी थीं। प्रसव की असहनीय पीड़ा के दौरान उसे विशेषज्ञ डॉक्टर की जरूरत थी, जो समय पर अस्पताल में उपस्थित नहीं थी। मौजूद मेल नर्स ने साक्षी (दीक्षा) के साथ उसके परिजनों को भी भला-बुरा सुनाया था और उसे पानी पिलाने की सलाह दी थी। दर्द कम नहीं होने पर उसने साक्षी को इंजेक्शन लगाया था, जिसके बाद उसकी हालत बिगड़ गई और आंबेडकर अस्पताल पहुंचने से पहले उसने दम तोड़ दिया था। इस मामले में काफी हंगामा होने के बाद शासन के निर्देश पर चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी ने गुरुवार को जांच के बाद अपनी रिपोर्ट जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. मिथिलेश चौधरी को दी, जिसे कार्रवाई के लिए शासन को भेजा गया है।

महिला विशेषज्ञ की नहीं लगाई थी ड्‌यूटीरिपोर्ट में माना गया है कि, प्रभारी डॉ. अंजना कुमार लाल द्वारा रात्रि में किसी महिला विशेषज्ञ की ड्‌यूटी लगानी थी, मगर उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया। साथ ही सुबह सर्जरी के दौरान मामला जटिल होने के बाद भी फालोअप लेने की जरूरत नहीं समझी। वहीं मेल नर्स अनुपम ने परिजनों द्वारा लगातार निवेदन करने के बाद भी डाक्टर को बुलाने के बजाए खुद ही इंजेक्शन लगाने का फैसला कर लिया।

मेल नर्स के पक्ष में आया स्टाफइधर साक्षी के परिजनों से दुर्व्यवहार करने के आरोप से घिरे मेल नर्स अनुपम के पक्ष में बिरगांव हेल्थ सेंटर के चिकित्सकीय स्टाफ और क्षेत्र की मितानिन काफी संख्या में सीएमएचओ कार्यालय पहुंचे थे। उन्होंने अनुपम के लापरवाह नहीं होने का पक्ष रखा था। कार्यालय के जिम्मेदारों की समझाइश के बाद सभी लौटे थे।

सालों से जमी हैं डॉ. लालबिरगांव के यूपीएचसी में स्त्री रोग विशेषज्ञ (सर्जन) डा. अंजना कुमार लाल सालों ने पदस्थ हैं और डिलीवरी सहित हैवी व्हीकल का लाइसेंस बनाने, मेडिकल सर्टिफिकेट जारी करने के मामले में भी चर्चा में रही हैं। वहां पदस्थ एक चिकित्सक की मानसिक समस्या की दवा चल रही है और दूसरा किडनी समस्या की वजह से डायलिसिस पर हैं।

 

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