अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ पर इजरायल के खिलाफ जंग में ईरान को बिना शर्त आत्मसर्मण करने को कहा है. उन्होंने कहा कि अमेरिका को पता है कि ईरान का तथाकथित सुप्रीम लीडर कहां छिपे हैं. उनपर अभी हमला नहीं करेंगे. फिलहाल उनको नहीं मारेंगे. लेकिन, हम नहीं चाहते हैं कि मिसाइल हमलों में अमेरिकी नागरिकों या जवानों को नुकसान पहुंचे. हमारा धैर्य समाप्त होते जा रहा है.
अमेरिकी राष्ट्रपति के द्वारा ये बयान ऐसे समय आया है जब पूरी दुनिया ईरान-इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष को लेकर चिंतित है. इस संघर्ष की वजह से कई लोगों की अब जान जा चुकी है, इमारतें जमींदोज हुए हैं और वैश्विक तेल बाजार में उथल-पुथल मचा हुआ है.
ईरान-इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष के पांचवे दिन तक ईरान में अब तक 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, इनमें ज्यादातर आम नागरिक हैं. वहीं, इजरायल में अब तक 24 लोगों की मौत हो चुकी है. इन लोगों की मौत मिसाइल हमलों में हुई है.
इससे पहले एयर फोर्स वन विमान में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा, ‘हम सीजफायर से बेहतर तलाश में हैं’.
बीबीसी ने ट्रंप के हवाले से बताया कि बाद में अमेरिकी राष्ट्रपति ने स्पष्ट किया कि ‘सिर्फ सीजफायर नहीं, असली अंत चाहते हैं. एक अंत’.
न्यूज एजेंसी रायटर्स के अनुसार, अमेरीकी राष्ट्रपति ने संकेत दिए हैं कि अमेरिका के उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल, जिसमें उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और मध्य पूर्व में राजदूत स्टीव विटकॉफ को ईरान के साथ कूटनीतिक बातचीत के लिए भेजा जा सकता है.
इजराइल-ईरान युद्ध: क्या है अमेरिका का अगला कदम?
ईरान और इज़रायल के बीच बढ़ते सैन्य तनाव में अमेरिका के सीधे हस्तक्षेप की प्रबल आशंका है, जिसका मुख्य उद्देश्य ईरान के विवादास्पद परमाणु कार्यक्रम को रोकना है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जी-7 समिट से अचानक लौट आए और फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों के सीजफायर के दावे को खारिज करते हुए कहा कि उनकी वापसी का कारण ‘इससे भी बड़ा’ है.
ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी कि ‘हर किसी को तेहरान तुरंत छोड़ देना चाहिए.’ ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिका का रुख कड़ा है और ईरान को 60 दिन का समय दिया गया था. इज़रायल ईरान के भूमिगत परमाणु ठिकानों जैसे नतांज और फोर्डो को निशाना बना रहा है.