जसवंतनगर : जिले मे मंगलवार शाम को आई तेज आंधी और मूसलाधार बारिश ने जसवंतनगर के पिपरेदी गांव में ऐसा कहर बरपाया कि पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई. इस प्राकृतिक आपदा में एक 8 वर्षीय मासूम बालक देव उर्फ जानू, जो कक्षा चार का होनहार छात्र था, आकाशीय बिजली की चपेट में आने से अकाल मौत का ग्रास बन गया.
इस हृदय विदारक घटना ने न केवल उसके परिवार को तोड़ दिया है, बल्कि पूरे गांव को स्तब्ध कर दिया है.परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है और उनकी चीखें पूरे वातावरण में गूंज रही हैं.
यह दर्दनाक घटना पिपरेदी गांव में उस समय हुई जब धर्मेंद्र कुमार कठेरिया का पुत्र देव गांव से सटे राजपुर मार्ग पर स्थित उदय प्रताप के खेत में अपनी बकरियां चरा रहा था। रोजमर्रा की तरह देव अपने काम में लीन था, जब अचानक शाम करीब 4:30 बजे आसमान से चमकती बिजली उस पर आ गिरी. प्रत्यक्षदर्शी गोसेवक लाखन सिंह, जो उसी समय गौशाला की ओर जा रहे थे.
उन्होंने अपनी आंखों से इस भयावह दृश्य को देखा. लखन ने बताया कि उनके देखते ही देखते बिजली गिरी और मासूम देव खेत में बेजान होकर गिर पड़ा.पास जाकर देखने पर देव का शरीर बुरी तरह से झुलसा हुआ था, और यह देख कर लाखन सिंह सन्न रह गए. बिना समय गंवाए, स्थानीय लोगों और देव के परिजनों ने तत्काल उसे नगर के एक निजी अस्पताल पहुंचाया.
वहां चिकित्सकों ने देव की गंभीर हालत को देखते हुए उसे बेहतर इलाज के लिए सैफई मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया. हर कोई देव के ठीक होने की दुआ कर रहा था, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था.अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही देव ने अंतिम सांस ली, और उसकी जिंदगी का सफर असमय ही थम गया.इस खबर ने परिवार पर दुखों का पहाड़ तोड़ दिया.
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन तुरंत हरकत में आया। एसडीएम कुमार सत्यम जीत के निर्देश पर तहसीलदार दिलीप कुमार, थाना निरीक्षक रामसहाय सिंह, उपनिरीक्षक किशन कुमार, कांस्टेबल अवनीश कुमार, लेखपाल जहीर खान और अरुण कुमार तुरंत मौके पर पहुंचे. उन्होंने शोकसंतप्त परिजनों को सांत्वना दी और हर संभव मदद का आश्वासन दिया.
मृतक देव अपने माता-पिता, धर्मेंद्र कुमार और रश्मि देवी, के चार बच्चों में से एक था.उसके परिवार में दो बहनें और एक छोटा भाई है, जो अब अपने बड़े भाई को खोकर गहरे सदमे में हैं.माँ रश्मि देवी का तो रो-रो कर बुरा हाल है, और वह लगातार अपने बेटे को पुकार रही हैं. इस दर्दनाक हादसे ने न केवल एक परिवार को उजाड़ दिया है, बल्कि पिपरेदी गांव का हर निवासी इस दुख से व्यथित है.
ग्रामीण इस घटना से बेहद आहत हैं और उन्होंने प्रशासन से पुरजोर मांग की है कि आकाशीय बिजली से हुई इस मौत पर तत्काल राहत राशि स्वीकृत की जाए, ताकि पीड़ित परिवार को कुछ आर्थिक संबल मिल सके.यह घटना एक बार फिर प्रकृति की अप्रत्याशित शक्ति और उसके विनाशकारी रूप की याद दिला गई है, और गांव में हर तरफ मातम पसरा हुआ है.