पीएम मोदी ने जी-7 की बैठक से अलग 10 घंटे के भीतर 12 द्विपक्षीय बैठकें कीं. वैश्विक नेताओं के साथ पीएम मोदी की मजबूत बॉन्डिंग भी इन बैठकों के दौरान देखने को मिली.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चार दिन में तीन देशों के दौरे पर हैं. साइप्रस के बाद प्रधानमंत्री मोदी कनाडा पहुंचे, जहां उन्होंने 51वें G7 सम्मेलन में शिरकत की. उनकी इस यात्रा का अंतिम पड़ाव क्रोएशिया है. पीएम मोदी के इस विदेश दौरे के दौरान वैश्विक स्तर पर भारत की धमक भी दिखी.
पीएम मोदी ने इस दौरान जी-7 की बैठक से हटकर भी वैश्विक नेताओं के साथ बैठकें कीं. इस दौरान उनकी वर्ल्ड लीडर्स के साथ मजबूत बॉन्डिंग भी देखने को मिली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा में 10 घंटे के भीतर एक के बाद एक 12 द्विपक्षीय बैठकें कीं. पीएम मोदी का कनाडा पहुंचने पर कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क जे कार्नी ने स्वागत किया.
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर इसे वैश्विक प्रगति और सहयोग के लिए ब्रिज का निर्माण बताया. पीएम मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री की द्विपक्षीय बैठक भी हुई. पीएम मोदी ने जी-7 में निमंत्रण के लिए आभार व्यक्त किया और कहा कि मुझे 2015 के बाद फिर से कनाडा आने और यहां के लोगों से जुड़ने का अवसर मिला है.
पीएम मोदी ने भारत-कनाडा संबंधों को महत्वपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि कनाडा की कई कंपनियों ने भारत में निवेश किया है. भारत के लोगों ने भी कनाडा में बड़ा निवेश किया है. दोनों देशों को मिलकर लोकतंत्र और मानवता को मजबूत करना होगा. पीएम मोदी ने वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका पर जोर दिया और कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है.
उन्होंने कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन का अध्यक्ष रहते भारत ने ऐसी कई पहल की है, जो दुनिया के लिए लाभदायक साबित होगा. भारत ने जी-20 में जो मजबूत नींव रखी है, उसे जी-7 में नए रूप में लागू करने का यह बेहतरीन अवसर है. भारत वैश्विक भलाई के लिए हमेशा इस अवसर का उपयोग करने को तैयार रहा है और भविष्य में भी यही स्टैंड रहेगा.
जर्मन चांसलर के साथ आतंकवाद पर बात
जर्मनी के चांसलर का पद संभालने के बाद फ्रेडरिक मर्ज के साथ पीएम मोदी की पहली द्विपक्षीय बैठक होगी. दोनों नेताओं की बैठक में आतंकवाद पर चर्चा हुई. पीएम मोदी और जर्मन चांसलर, दोनों ही नेताओं ने आतंकवाद को वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा बताया.
विदेश मंत्रालय के मुताबिक पीएम मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ एकजुटता जताने के लिए जर्मन चांसलर का धन्यवाद किया. पीएम मोदी ने जर्मन चांसलर के साथ बैठक को लेकर एक्स पर पोस्ट कर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि हम आतंकवाद से निपटने और आतंकी फंडिंग पर लगाम लगाने के लिए मिलकर काम करते रहेंगे.
मैक्सिको की राष्ट्रपति से सहयोग बढ़ाने पर चर्चा
पीएम मोदी की मैक्सिकन राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम के साथ भी द्विपक्षीय मुलाकात हुई. विदेश मंत्रालय ने इसे भारत-मैक्सिको के ऐतिहासिक संबंधों को बढ़ावा देने वाला बताया है. पीएम मोदी और शिनबाम की यह पहली मुलाकात थी. दोनों नेताओं के बीच फार्मा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के साथ ही व्यापार, डिजिटल नवाचार में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई.
पीएम मोदी ने ट्वीट कर मैक्सिको की राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय बैठक को बहुत अच्छा बताया और कहा कि भारत-मैक्सिको संबंधों में अपार संभावनाएं हैं. हमने कृषि, सेमीकंडक्टर, महत्वपूर्ण खनिज, स्वास्थ्य के क्षेत्र में संबंध और मजबूत करने पर बात की.
कोरिया के राष्ट्रपति के साथ हुई द्विपक्षीय बैठक
पीएम मोदी ने कोरिया के राष्ट्रपति ली जे म्यांग से भी मुलाकात की. दोनों नेताओं ने सोशल स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इसे लेकर कहा कि व्यापार, तकनीकी सहयोग, ग्रीन हाइड्रोजन जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर बातचीत की जानकारी दी है.
पीएम मोदी ने इस मुलाकात को बहुत अच्छा बताते हुए कहा है कि भारत और कोरिया व्यापार के साथ ही निवेश, प्रौद्योगिकी, ग्रीन हाइड्रोजन, शिप निर्माण जैसे क्षेत्रों में मिलकर काम करना चाहते हैं. पीएम मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ भी द्विपक्षीय बैठक की. दोनों नेताओं ने गर्मजोशी से अभिवादन किया और एक-दूसरे को गले लगाया.
पीएम मोदी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर, इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा और ऑस्ट्रेलियन प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानिज से भी मुलाकात की. पीएम मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी फोन पर बात की है. अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ पीएम मोदी की यह बातचीत करीब 35 चली.
इससे पहले, पीएम मोदी साइप्रस पहुंचे थे. पीएम मोदी ने साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस से भी मुलाकात की थी, जिसे दोनों देशों के संबंधों के लिहाज से ऐतिहासिक बताया जा रहा है.