Left Banner
Right Banner

भारत और क्रोएशिया के बीच हुए कई समझौते, पीएम मोदी बोले- तीन गुना बढ़ेगा संबंध

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के क्रोएशिया दौरे पर भारत और क्रोएशिया के बीच कई समझौते हुए. इसके बाद पीएम मोदी का संबोधन हुआ. इस दौरान उन्होंने स्वागत के लिए क्रोएशिया के पीएम आंद्रेज प्लेंकोविक का आभार जताया. पीएम मोदी ने कहा कि इस ऐतिहासिक धरती पर जिस उत्साह, आत्मीयता, स्नेह के साथ मेरा स्वागत हुआ है उसके लिए मैं प्रधानमंत्री प्लेंकोविक और क्रोएशिया सरकार का आभार व्यक्त करता हूं. भारत और क्रोएशिया लोकतंत्र, रूल ऑफ लॉ और समानता जैसे साझा मूल्यों से जुड़े हैं.

उन्होंने कहा कि ये सुखद सहयोग है कि पिछले साल भारत के लोगों ने मुझे और क्रोएशिया के लोगों ने पीएम आंद्रेज को लगातार तीसरी बार सेवा करने का मौका दिया है. इस जनविश्वास के साथ हमने अपने तीसरे कार्यकाल में अपने द्विपक्षीय संबंधों को तीन गुना गति देने का निर्णय लिया है. रक्षा क्षेत्र में लॉन्ग टर्म सहयोग के लिए एक रक्षा सहयोग प्लान बनाया जाएगा, जिसमें ट्रेनिंग और मिलिट्री एक्सचेंज के साथ-साथ रक्षा उद्योग पर भी ध्यान दिया जाएगा. शिप बिल्डिंग और साइबर सिक्योरिटी में सहयोग बढ़ाया जाएगा.

हम इन 7 क्षेत्रों में सहयोग को देंगे बढ़ावा’

पीएम मोदी ने कहा कि ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां हमारी अर्थव्यवस्थाएं एक-दूसरे की पूरक हो सकती हैं. इन क्षेत्रों की पहचान की गई है. हमने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने और एक विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला तैयार करने के लिए कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का फैसला किया है. हमने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने और विश्वसनीय सप्लाई चेन तैयार करने के लिए कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया है. हम फार्मा, एग्रीकल्चर, इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी, क्लीन टेक्नोलॉजी, डिजिटल टेक्नोलॉजी, रिन्यूएबल एनर्जी, सेमीकंडक्टर में सहयोग को बढ़ावा देंगे.

रणभूमि से नहीं निकलता समस्या का समाधान

इस दौरान पीएम मोदी ने आतंकवाद का मुद्दा भी उठाया. पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया के लिए आतंकवाद बड़ा खतरा है. उन्होंने कहा कि हम सहमत हैं कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है. लोकतंत्र में विश्वास रखने वाली शक्तियों का विरोधी है.

22 अप्रैल को भारत में हुए आतंकी हमले पर संवेदनाओं के लिए, हम प्रधानमंत्री प्लेंकोविच और क्रोएशिया सरकार के हार्दिक आभारी हैं. ऐसे कठिन समय में, हमारे मित्र देशों का साथ हमारे लिए बहुत मूल्यवान था.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम दोनों इस बात का समर्थन करते हैं कि यूरोप हो या एशिया, समस्याओं का समाधान रणभूमि से नहीं निकल सकता. डायलॉग और डिप्लोमेसी ही एकमात्र रास्ता है. किसी भी देश की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान आवश्यक है.

Advertisements
Advertisement