Uttar Pradesh: अयोध्या से समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने जातीय जनगणना को लेकर केंद्र सरकार की हालिया पहल का स्वागत करते हुए इसे “ऐतिहासिक कदम” बताया है. उन्होंने केंद्र को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह प्रक्रिया केवल घोषणा तक सीमित न रह जाए, बल्कि इसे पूरी पारदर्शिता, निष्पक्षता और संवेदनशीलता से पूरा किया जाए.
उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जातीय जनगणना केवल आंकड़े इकट्ठा करने की कवायद नहीं है, बल्कि यह देश के वंचित, शोषित और गरीब वर्गों को उनका हक दिलाने का माध्यम बन सकती है. उन्होंने चेताया कि अगर इस प्रक्रिया में आंकड़े गलत हुए या गड़बड़ियां हुईं, तो इससे वही तबका फिर हाशिये पर चला जाएगा जो आज भी बराबरी के अधिकार से वंचित है.
मुलायम सिंह यादव का किया उल्लेख
अवधेश प्रसाद ने कहा कि जातीय जनगणना की आवश्यकता पर सबसे पहले श्रद्धेय मुलायम सिंह यादव जी ने बल दिया था. वे हमेशा इस मुद्दे को उठाते रहे ताकि देश के पिछड़े वर्गों को उनका वास्तविक अधिकार मिल सके। उन्होंने कहा कि समाजवादी विचारधारा में यह मुद्दा हमेशा से केंद्रीय रहा है.
गड़बड़ी नहीं, जमीनी सच्चाई चाहिए
सांसद ने मांग की कि जो भी आंकड़े जुटाए जाएं, वे जमीनी सच्चाई पर आधारित हों. उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि इस कार्य को पूरी ईमानदारी और राजनीतिक निष्पक्षता के साथ अंजाम दिया जाए.
नीति-निर्माण में बने आधार
उन्होंने कहा कि यदि इस बार सही जातीय आंकड़े सामने आए और उन्हें भविष्य की योजनाओं में आधार बनाया गया, तो करोड़ों लोगों का भविष्य संवर सकता है। लेकिन यदि इसमें राजनीति या पक्षपात घुस आया, तो इससे जनगणना की साख पर बट्टा लगेगा और सामाजिक न्याय की उम्मीदें चकनाचूर हो जाएंगी.
घोषणा नहीं, क्रियान्वयन हो असली परीक्षा
अवधेश प्रसाद ने दो टूक कहा कि केंद्र सरकार की मंशा की असली परीक्षा अब इस घोषणा के क्रियान्वयन में होगी. यदि सरकार वाकई गंभीर है, तो इस प्रक्रिया को जनता के भरोसे के अनुरूप पारदर्शी रूप से पूरा किया जाए.
कुल मिलाकर, अवधेश प्रसाद ने जहां केंद्र सरकार के फैसले की सराहना की, वहीं यह भी सुनिश्चित करने की बात कही कि जनगणना केवल दिखावा न बने, बल्कि सामाजिक न्याय की दिशा में ठोस कदम साबित हो.