मंत्री बनने के लिए ‘अघोरी पूजा’? भरत गोगावले ने दी सफाई, बोले– “विपक्ष बताता तो उन्हें भी जीत दिला देता”

मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर धार्मिक आस्था और सियासी व्यंग्य का तूफान उठ खड़ा हुआ है। शिंदे गुट के नेता और राज्य सरकार में मंत्री भरत गोगावले एक वायरल वीडियो के कारण विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं, जिसमें वे कथित तौर पर ‘अघोरी पूजा’ करते नजर आ रहे हैं। इस पर शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी ने जमकर चुटकी ली है।दरअसल, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें भरत गोगावले एक कथित ‘तांत्रिक’ के साथ हवन और अनुष्ठान करते दिखाई दे रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि ये पूजा उन्होंने पहले विधायक बनने और फिर मंत्री पद हासिल करने के लिए की थी।शिवसेना (यूबीटी) नेता वसंत मोरे और एनसीपी के सूरज चव्हाण ने गोगावले पर तंज कसते हुए कहा कि वे अब रायगढ़ जिले के संरक्षक मंत्री बनने की कोशिश में ऐसे अनुष्ठानों का सहारा ले रहे हैं।

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वसंत मोरे ने कहा:

“गोगावले ने पहले भी जीत और मंत्री पद के लिए गुप्त पूजा करवाई थी, अब दोबारा रायगढ़ के लिए ऐसा कर रहे हैं।”

एनसीपी नेता सूरज चव्हाण ने इसे “प्रगतिशील महाराष्ट्र के मूल्यों के खिलाफ” बताते हुए कहा:

“गोगावले को महायुति के नेतृत्व और लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर भरोसा करना चाहिए, तंत्र-मंत्र पर नहीं।”

इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए भरत गोगावले ने कहा:

“मैं हिंदुत्ववादी हूं और भगवान में आस्था रखता हूं। इंदौर में हमने सिर्फ एक धार्मिक स्थल पर हवन और पूजा की थी। इसे तंत्र-मंत्र कहकर मज़ाक उड़ाना दुर्भाग्यपूर्ण है।”

वसंत मोरे के तंज पर जवाब देते हुए गोगावले ने चुटकी ली:

“अगर उन्हें लगता है कि मेरी पूजा से मैं मंत्री बन गया, तो वो मुझे पहले बता देते। मैं उन्हें भी साथ ले जाता ताकि उनकी जमानत जब्त न होती।”

गोगावले का कहना है कि उन्हें निशाना सिर्फ इसलिए बनाया जा रहा है क्योंकि उन्होंने शिवसेना में टूट को लेकर सच्चाई सामने रखी थी।

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