छह महीने से ज्यादा के अंतराल के बाद संसद के मानसून सत्र से पहले जुलाई की शुरुआत में वस्तु एवं सेवा कर (GST) काउंसिल की बैठक होने की संभावना जताई जा रही है. सूत्रों के अनुसार, काउंसिल की बैठक पहले जून में होनी थी, लेकिन अब इसके सामने बड़ा एजेंडा होने के कारण जुलाई में यह बैठक होने की संभावना है.
GST Council की बैठक की औपचारिक तारीख का ऐलान अभी नहीं की गई है और एजेंडा को भी बाद में अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है. हालांकि सूत्रों ने संकेत दिया कि GST रेट्स में बदलाव के साथ-साथ कंपनसेशन सेस में भी बदलाव को लेकर चर्चा होगी. cess को सरल बनाने की बढ़ती डिमांड के साथ, राज्य और केंद्र के अधिकारियों का एक अलग टास्कफोर्स भी स्थापित किया जा सकता है.
सेस को लेकर हो सकता है अहम बदलाव
सूत्रों के अनुसार, कंपनसेशन सेस पर चर्चा एक अहम मुद्दा होगा, क्योंकि यह मार्च 2026 में समाप्त होने वाला है. सेस को संभवतः टैक्स में बदला जा सकता है, क्योंकि कुछ राज्यों की चिंता है कि सेस सीधे केंद्र के पास जाएगा. इसे ऐसा भी समझ सकते हैं कि कंपनसेशन सेस पर गठित मंत्रिसमूह ने सेस को GST रेट्स में विलय करने का भी समर्थन किया है, जो वर्तमान में सेस लगाने वाली वस्तुओं जैसे ऑटोमोबाइल, तंबाकू और कोल्ड ड्रिंग्स पर लागू होगा.
राज्यों के नुकसान की भरपाई के लिए लागू था कंपनसेशन सेस
कंपनसेशन सेस राज्यों को रेवेन्यू में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए लगाया गया था और जीएसटी 1 जुलाई, 2017 को लागू हुई. तब यह तय हुआ था कि जीएसटी व्यवस्था लागू होने से राज्यों को रेवेन्यू में जो नुकसान होगा, उसकी भरपाई केंद्र सरकार करेगी और अब यह व्यवस्था मार्च 2026 में खत्म होने जा रही है. पहले यह जून 2022 में खत्म होने वाली थी, लेकिन कोविड के दौरान केंद्र ने राज्यों को रेवेन्यू में नुकसान की भरपाई के लिए लोन लिया था. लोन के पैसे को लौटाने के लिए सेस की अवधि बढ़ा दी गई थी.
अब ये सेस लागू होंगे
सूत्रों ने बताया कि ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स में मौजूदा सेस को हटाने पर सहमति बन चुकी है और अब इसकी जगह पर हेल्थ सेस और क्लीन एनर्जी सेस लगाने का प्रस्ताव है. हेल्थ सेस सिन गुड्स (Sin Goods) तंबाकू जैसे उत्पादनों पर लगाया जाएगा. क्लीन एनर्जी सेस कोल और लग्जरी ऑटोमोबाइल्स पर लगाया जाएगा.