HIV के रिस्क पर कंट्रोल, एफडीए से लेनाकैपाविर इंजेक्शन को मिली मंजूरी, ऐसे करता है असर

एचआईवी एक खतरनाक वायरस है. आजतक इसको पूरी तरह से खत्म करने की कोई दवा या वैक्सीन नहीं बनी है, हालांकि इस वायरस की रोकथाम में मेडिकल साइंस को एक बड़ी कामयाबी मिली है. अमेरिकी FDA ने लेनाकैपाविर ( ztugo) को प्रि‑एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (किसी बीमारी के संपर्क में आने से पहले ही उसके खिलाफ सुरक्षा देना) के रूप में मंज़ूरी दी है. ये पहला ऐसा इंजेक्शन है जिसकी हर छह महीने में सिर्फ दो खुराक लेकर HIV संक्रमण होने से बचाव किया जा सकता है. हालांकि ये इंजेक्शन एचआईवी का इलाज नहीं है. बस इसको लगवाने से रोकथाम हो सकती है. यह इंजेक्शन उन लोगों में संक्रमण को फैलने से रोकेंगा, जो अभी तक किसी भी संक्रमित के संपर्क में नहीं आए हैं.

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एक्सपर्ट्स के मुताबिक, लेनाकैपाविर (Yeztugo) = PrEP दवा है, जो HIV वायरस शरीर में आने से रोकती है, लेकिन ये कोई वैक्सीन नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि लेनाकैपाविर इंजेक्शन वायरस के संपर्क में आने से रोकता है, लेकिन अगर वायरस शरीर में आ गया है तो यह उससे लड़ नहीं सकता है. अमेरिका की बायो फार्मा ने लेनकापाविर को रोग निरोधक दवा के तौर पर तैयार किया है.

इस इंजेक्शन को लेकर रिसर्च की गई थी. तीन प्रमुख ट्रायल के नतीजों में पता चला कि इंजेक्शन लेने से महिलाओं में संक्रमण शून्य (100%), और पुरुषों में केवल 0.1% ही संक्रमण देखा गया. इस रिसर्च को न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित किया गया था. लेनाकैपाविर एक कैप्सिड इनहिबिटर है. ये HIV वायरस के बाहरी छिलके (capsid) को कमजोर करके वायरस के शरीर में फैलने की प्रक्रिया को रोकता है .

इंजेक्शन के 6 महीने में 2 डोज

इंजेक्शन के दो डोज़ स्किन के नीचे दिए जाते हैं, जिससे यह धीरे-धीरे रिलीज़ होता है और शरीर में 6 महीने तक सक्रिय रहता है. छह महीने बाद फिर डोज लगवानी होती है. इस इंजेक्शन का लाभ उठाने के लिए हर छह महीने HIV निगेटिव टेस्ट करवाना आवश्यक है, तभी अगली खुराक दी जाती है. इस इंजेक्शन पर हुए तीनों ट्रायल सफल साबित हुए हैं. इसके बाद ही एफडीए ने इसको मंजूरी दी है.

एचआईवी निगेटिव वालों को ही लगेगा इंजेक्शन

यह इंजेक्शन एचआईवी निगेटिव उन लोगों को लगेगा जिनको एचआईवी होने का खतरा है. यानी यह इंजेक्शन वायरस की रोकथाम के लिए है. इंजेक्शन लेने वालों का वजन 35 किलो से अधिक होना चाहिए और उनमें एचआईवी का कोई लक्षण नहीं होगा चाहिए. अगर कोई पॉजिटिव व्यक्ति इसको लगवा लेता है तो शरीर में कई नुकसान हो सकते हैं और ड्रग रजिस्टेंस का भी खतर हो सकता है.

सस्ती दरों में मिलना जरूरी

पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉ जुगल किशोर का कहना है कि लेनाकैपाविर एक वैज्ञानिक और सार्वजनिक स्वास्थ्य में मील का पत्थर है. इसकी अत्यधिक प्रभावशीलता और HIV रोकथाम के तरीके में क्रांति ला सकती है. लेकिन ये जरूरी है कि यह सस्ती दर में लोगों को उपलब्ध हो. तभी इसका सही फायदा मिल सकेगा. यह भी जरूरी है कि लोग यह न समझें कि इस इंजेक्शन के आने से एचआईवी को लेकर सतर्क रहने की जरूरत नहीं है.

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