भोपाल शहर के विकास को लेकर एक बड़ी योजना पर काम शुरू हो गया है। भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) से 1600 एकड़ भूमि लेकर मध्यप्रदेश सरकार राजधानी में प्रदेश की पहली एकीकृत टाउनशिप बसाने जा रही है। केंद्र सरकार से इस प्रस्ताव को हरी झंडी मिल चुकी है और योजना के तहत स्वास्थ्य, शिक्षा, उद्योग और आवास सभी जरूरतें एक ही स्थान पर पूरी होंगी। यह परियोजना भोपाल के शहरी परिदृश्य को पूरी तरह बदल सकती है।
भोपाल में बनेगी पहली एकीकृत टाउनशिप
राजधानी भोपाल को नया शहरी रूप देने की दिशा में सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। वर्ष 1962 से 1967 के बीच मध्यप्रदेश सरकार ने भारत सरकार को भेल परियोजना के लिए लगभग 6,000 एकड़ भूमि दी थी। इसमें से करीब 2,000 एकड़ भूमि अब तक उपयोग में नहीं लाई गई। इस जमीन में से 1600 एकड़ भूमि अब राज्य सरकार को वापस मिल रही है, जिस पर प्रदेश की पहली एकीकृत टाउनशिप (Integrated Township) विकसित की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने की पहल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल पर केंद्र सरकार ने इस भूमि को साझा उपयोग के लिए वापस देने पर सहमति जताई है। इस परियोजना के अंतर्गत आवासीय भवन, उद्योगिक भूखंड, स्कूल, अस्पताल, खेल मैदान और अन्य आवश्यक सुविधाएं एक ही क्षेत्र में उपलब्ध कराई जाएंगी। साथ ही, यह प्रस्ताव भी तय किया गया है कि इस योजना से होने वाले राजस्व का 50-50 प्रतिशत लाभांश राज्य सरकार और भेल के बीच बांटा जाएगा।
आवास योजना के तहत आवासीय योजनाएं
भोपाल मेट्रोपोलिटन क्षेत्र के विकास को ध्यान में रखते हुए इस जमीन का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए बहुमंजिला इमारतों का निर्माण किया जाएगा। इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत आवासीय योजनाएं भी तैयार की जाएंगी ताकि कम आय वर्ग के लोगों को भी लाभ मिल सके।
मुख्य सचिव अनुराग जैन की निगरानी में इस परियोजना की कार्ययोजना तैयार की जा रही है। विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने के लिए एक विशेषज्ञ एजेंसी की नियुक्ति भी जल्द की जाएगी।
सरकार इस परियोजना को निवेशकों के लिए आकर्षक बनाने के उद्देश्य से ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में Integrated Township Policy पहले ही घोषित कर चुकी है। इस योजना में निजी निवेश आमंत्रित किए जाएंगे और सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से सभी जरूरी स्वीकृतियां प्रदान की जाएंगी।