देश के सबसे बड़े उद्योगपतियों में शुमार गौतम अदाणी अब अनिल अंबानी की डूबती कारोबारी नैय्या को पार लगाने की तैयारी में हैं. अदाणी समूह की कंपनी अदाणी पावर, अनिल अंबानी की रिलायंस पावर की सहायक कंपनी विदर्भ इंडस्ट्रीज पावर लिमिटेड (वीआईपीएल) को 4000 करोड़ रुपये में खरीदने जा रही है. इस सौदे को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल की भी मंजूरी मिल चुकी है, जिससे अनिल अंबानी की कंपनी को राहत मिलने की उम्मीद है.
विदर्भ इंडस्ट्रीज पावर लिमिटेड महाराष्ट्र के नागपुर में स्थित है और इसके पास 600 मेगावाट की दो थर्मल पावर यूनिट्स हैं. यह कंपनी लंबे समय से वित्तीय संकट का सामना कर रही थी, जिसके चलते रिलायंस पावर इसे बेचने की रणनीति पर काम कर रही थी. अब अदाणी पावर ने इस कंपनी को अपने पोर्टफोलियो में शामिल करने का फैसला किया है, जो अदाणी समूह की ऊर्जा क्षेत्र में विस्तार की महत्वाकांक्षी योजना का हिस्सा माना जा रहा है.
किसे होगा फायदा ?
इस डील के तहत अदाणी पावर, वीआईपीएल की पूरी हिस्सेदारी खरीदेगी, जिससे कंपनी का संचालन और प्रबंधन पूरी तरह से अदाणी समूह के नियंत्रण में आ जाएगा. एक्सपर्ट का मानना है कि यह सौदा न केवल अदाणी पावर की उत्पादन क्षमता को बढ़ाएगा, बल्कि विदर्भ क्षेत्र में उनकी उपस्थिति को भी मजबूत करेगा. दूसरी ओर, अनिल अंबानी के लिए यह डील कर्ज के बोझ से उबरने का एक मौका दे सकती है, क्योंकि रिलायंस पावर पर भारी कर्ज का दबाव है.
यह सौदा भारतीय ऊर्जा क्षेत्र में बड़े बदलाव का संकेत दे रहा है. अडानी समूह पहले से ही कोयला, सौर और पवन ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में अपनी मजबूत स्थिति बना चुका है. अब वीआईपीएल के अधिग्रहण से उनकी थर्मल पावर क्षमता में और इजाफा होगा. वहीं, अनिल अंबानी के कारोबार को इस डील से नई दिशा मिल सकती है. मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि यह सौदा दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन इसका असली प्रभाव आने वाले समय में ही दिखेगा.