रील्स ने घटाया यूथ का फोकस: मंत्री OP चौधरी बोले– योग से मिलेगी हेल्दी लाइफस्टाइल, BJP चलाएगी statewide कार्यक्रम

21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर प भाजपा पूरे प्रदेश में योग कार्यक्रम करेगी। सरकार की ओर से भी आयोजन होंगे। भाजपा के सभी विधायक, सांसद, मंत्री अलग-अलग जगहों पर योग करते और योग को प्रमोट करते दिखेंगे। CM साय जशपुर में योग कार्यक्रम में शामिल होंगे।

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ये जानकारी छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने दी। उन्होंने भाजपा के एकात्म परिसर कार्यालय में कहा कि आज-कल इतनी फास्ट दुनिया है। रील्स और शॉर्ट क्लिप की दुनिया है। एक बार रील्स देखने लगे तो समय बर्बाद होता है। जो हमारा कंसंट्रेशन पावर है वह भी कमजोर होता है।

मंत्री ने कहा- आजकल बहुत सारे युवा भाई-बहन मुझे यह कहते हुए मिल जाते हैं कि हम याद करते हैं, मगर भूल जाते हैं। यूपीएससी की तैयारी करने वालों को भी ये परेशानी आ रही है, तो कहीं ना कहीं हमारा कंसंट्रेशन पावर कम होना इसके पीछे की वजह है। कंसंट्रेशन पावर को बढ़ाने में योग मददगार है तो यूथ के लिए योग जैसी चीजों को अपनाना बेहद जरूरी है।

वर्ल्ड रिकॉर्ड बनेगा मंत्री ने बताया, 21 जून को देश में 10000 से अधिक स्थानों पर एक साथ योग का प्रदर्शन होगा, जो अपने आप में एक विश्व रिकॉर्ड होगा। अनेक स्थानों पर योग पार्क की स्थापना की जा रही है। इसके अलावा युवाओं को कनेक्ट करने के लिए अनेक तरह से लोगों को जोड़ा जा रहा है। देश में 10 स्थानों पर एक सप्ताह तक चलने वाले योग महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। जिसका समापन देश के प्रधानमंत्री की मौजूदगी में केंद्रीय समारोह के रूप में योग महाकुंभ के रूप में होगा।

योग बीमार नहीं होने देता वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा- एलोपैथी जो वेस्टर्न मेडिकल साइंस है, वह हमें बीमार होने के बाद ट्रीटमेंट देने की बात करता है। हमारे शरीर में लिवर में, हमारे हार्ट में, हमारे ब्रेन में, किडनी में, कोई भी लक्षण तब आता है जब वो खराब होना शुरू हो चुका होता है। फिर हम उसे ठीक करने की कोशिश करते हैं। मगर अब योग के साथ वेलनेस का कॉन्सेप्ट आया है। जिसमें ये कहा जाता है कि हम बीमार ही ना पड़े, बीमारियों को पहले ही दूर किया जाए। उस दिशा में सबसे महत्वपूर्ण अगर कुछ है तो हमारी संस्कृति का दिया हुआ योग और नेचुरोपैथी है।

अंग्रेजों के अफसर मैकाले ने हमें संस्कृति से दूर किया वित्त मंत्री ने कहा- अंग्रेज़ मैकाले नाम के अफसर को हाई सैलेरी में भारत में लेकर आए थे। उसकी विशेषता थी कि वह 15 दिन में नई भाषा सीख जाता था। अंग्रेजों को लगा कि हम भारत में मैकाले को लेकर आएंगे तो भारत में कई तरह की भाषाएं, संस्कृतियां हैं तो यह व्यक्ति अध्ययन करके हमें बता पाएगा कि भारत को लंबे समय तक कैसे गुलाम रखा जा सके।

4 साल भारत में रहने के बाद मैकाले जब ब्रिटेन में गया तो उसने रिसर्च का पेपर पेश किया। उसने लिखा कि अगर हमें भारत को लंबे समय तक गुलाम बनाए रखने की जरूरत है तो हमें भारतीय भाषा या भारतीय संस्कृति सीखने की जरूरत नहीं है। हमें भारत में अंग्रेजियत थोपने की जरूरत है, अपनी संस्कृति की सुप्रीमेसी को एस्टेब्लिश करने की जरूरत है। अंग्रेजों ने यही किया। हमारी संस्कृति से हमें दूर करने का काम किया। मगर देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं, विकास भी विरासत भी। इसका प्रतिफल योग के रूप में है।

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