योग कार्यक्रम की विशाल तैयारी, 50 स्नेक कैचर की भी लगाई गई ड्यूटी; 5 लाख लोग करेंगे योगा

21 जून को ‘विश्व योग दिवस’ मनाया जाता है. इस दिन का उद्देश्य योग के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाना है, जिससे वे अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकें. योग दिवस भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. इसके माध्यम से भारतीय संस्कृति को विश्वभर में प्रसारित किया जाता है. अपने देश में भी योग दिवस मनाने को लेकर जोरों-शोरों से तैयारी चल रही है. योग दिवस से दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आंध्र प्रदेश में रहेंगे. पीएम मोदी विशाल ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ कार्यक्रम में भाग लेंगे, जो विशाखापत्तनम के आरके बीच से भोगापुरम तक 30 किलोमीटर लंबे गलियारे में आयोजित किया जाएगा. वहां 5 लाख से अधिक लोग एक साथ योग कर सकेंगे.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और लाखों लोगों की मौजूदगी के लिए ‘कदली तट’ को खूबसूरत बनाया जा रहा है. शहर के चौक-चौराहों को आकर्षक बनाने के लिए उनका कायाकल्प किया जा रहा है. इस अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन ‘एक पृथ्वी-एक स्वास्थ्य के लिए योग’ के नारे के साथ किया जा रहा है. मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि सुबह साढ़े छह बजे से आठ बजे तक निर्धारित इस कार्यक्रम को इस तरह से आयोजित किया जाएगा कि गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड’ सहित कई रिकॉर्ड स्थापित हों.

बता दें कि विशाखापत्तनम में 30 किलोमीटर के दायरे में लगभग पांच लाख लोगों के योग करने की व्यवस्था की गई है. शनिवार को विशाखापत्तनम में आयोजित योग दिवस इतिहास में दर्ज हो जाएगा. इसे लेकर कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं. विशाखापत्तनम में एक तरफ समुद्र तट की शांति है तो दूसरी तरफ पूर्वी घाट का आकर्षण, लेकिन यही भौगोलिक प्रकृति अब योग महा संगम जैसे विशाल कार्यक्रमों के आयोजन का केंद्र बन रही है.

सांपों को दूर रखने के लिए लेमनग्रास तेल का स्प्रे

बीच रोड पर योग कार्यक्रम में भाग लेने वाले लाखों लोगों को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों ने सांपों को पकड़ने के लिए 50 लोगों की एक विशेष टीम को पहले से ही तैनात कर दिया है. यह टीम 24 घंटे उपलब्ध रहेगी. इसके अलावा, सांप सड़क के आसपास न आएं, इसके लिए लेमनग्रास ऑयल का छिड़काव करके उपाय किए गए हैं.

लेमन ग्रास ऑयल से सांपों को अप्रिय गंध आती है. इसे आयोजन स्थल के आस-पास के इलाकों और जंगल के इलाकों में बड़े पैमाने पर छिड़का गया है. यह छिड़काव अभियान खास तौर पर जोदुगुल्लापलेम पहाड़ी इलाके में चलाया गया. कर्मचारियों का दावा है कि यह एक गुणवत्तापूर्ण-पर्यावरण के अनुकूल तरीका है और एक गैर-हानिकारक तरीका है.

बैरिकेड्स, रबर की सीढ़ियां लगाई गईं

सांपों के अलावा पहाड़ी इलाकों में स्थित मंचों पर गिरने वाली चट्टानें भी एक समस्या हैं. इसे रोकने के लिए अधिकारियों ने बैरिकेड्स, रबर की सीढ़ियां और जालीदार कवर जैसे सुरक्षात्मक उपाय किए हैं. इन्हें खास तौर पर जोदुगुल्लापलेम में स्थापित मुख्य मंच पर मजबूती से स्थापित

किया गया है.

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