एअर इंडिया पर DGCA का कड़ा एक्शन, तीन अफसरों को हटाने का निर्देश, सेफ्टी प्रोटोकॉल के उल्लंघन का मामला

डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने शनिवार को एअर इंडिया के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए क्रू शेड्यूलिंग विभाग के तीन वरिष्ठ अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से हटाने का निर्देश दिया है. यह कार्रवाई एविएशन सेफ्टी प्रोटोकॉल के गंभीर उल्लंघन को लेकर की गई है.

जिन अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया गया है उनमें चूरा सिंह (डिविजनल वाइस प्रेसिडेंट), पिंकी मित्तल (चीफ मैनेजर – क्रू शेड्यूलिंग) और पायल अरोड़ा (क्रू शेड्यूलिंग – प्लानिंग) के नाम शामिल हैं. DGCA ने स्पष्ट किया कि इन अधिकारियों को क्रू शेड्यूलिंग की जिम्मेदारी से तत्काल हटाया जाए.

कई गंभीर लापरवाहियों में शामिल थे अधिकारी

DGCA की ओर से 20 जून को जारी आदेश के अनुसार, ये अधिकारी कई गंभीर लापरवाहियों में शामिल पाए गए, जिनमें अनधिकृत और नियमों के खिलाफ क्रू की तैनाती, लाइसेंसिंग और क्रू के विश्राम संबंधी नियमों का उल्लंघन और निगरानी व्यवस्था में व्यापक खामियां शामिल हैं.

यह आदेश उस घटना के कुछ ही दिनों बाद आया है जब अहमदाबाद से लंदन जा रही एअर इंडिया की एक उड़ान टेकऑफ के कुछ मिनट बाद ही क्रैश हो गई थी, जिसमें 270 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. मरने वालों में न सिर्फ विमान पर सवार लोग थे बल्कि जमीन पर मौजूद भी कई लोग शामिल थे.

 10 दिनों के भीतर आंतरिक अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश

DGCA ने अब निर्देश दिया है कि एअर इंडिया तुरंत इन अधिकारियों को उनकी वर्तमान ड्यूटीज से हटा दे. साथ ही एअर इंडिया को इन अधिकारियों के खिलाफ आंतरिक अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने और 10 दिनों के भीतर इसकी रिपोर्ट डीजीसीए को सौंपने का आदेश दिया गया है.

DGCA के आदेश में कहा गया है, ‘इन अधिकारियों के खिलाफ आंतरिक अनुशासनात्मक कार्रवाई तुरंत शुरू की जाए और इस कार्रवाई की रिपोर्ट 10 दिनों के भीतर सौंपी जाए.’ साथ ही, अगली सूचना तक उन्हें कोई ऐसा पद नहीं दिया जाएगा जिसका सीधा प्रभाव उड़ान सुरक्षा और क्रू अनुपालन पर पड़े.

एअर इंडिया को कारण बताओ नोटिस जारी

इसके अलावा DGCA ने एअर इंडिया को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. यह नोटिस बेंगलुरु से लंदन (AI 133) जाने वाली दो उड़ानों पर जारी किया गया है, जो 16 और 17 मई 2025 को निर्धारित अधिकतम उड़ान समय 10 घंटे से अधिक चली थीं. DGCA ने एअर इंडिया से 7 दिनों के भीतर जवाब देने को कहा है कि क्यों न उनके खिलाफ विमान अधिनियम और नागर विमानन नियमों के तहत कार्रवाई शुरू की जाए.

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