छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में एक डॉक्टर 61 लाख रुपए की ठगी का शिकार हो गया है। दिल्ली की एक कंपनी से खरीदी गई मशीन में कंपनी के इंजीनियर ने रास्ते में पिक्चर ट्यूब बदल दी। जब डॉक्टर को इस धोखाधड़ी की जानकारी मिली और उन्होंने पैसे वापस मांगे, तो कंपनी के डॉयरेक्टरों ने रकम लौटाने से इनकार कर दिया। इसके बाद डॉक्टर ने रविवार को कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई।
मामला कोतवाली थाना क्षेत्र का है। जानकारी के मुताबिक, कोतरा रोड निवासी डॉ. अरुण केडिया, अनुपम डायग्नोस्टिक के नाम से एक्स-रे, सीटी स्कैन, सोनोग्राफी और पैथोलॉजी सेंटर संचालित करते हैं। वर्ष 2017-18 में उन्होंने दिल्ली की एज मेडिकल सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड से एक Siemens Emotion CT स्कैन मशीन खरीदी थी। कंपनी के निदेशक गुंजन कुमार, सीमा जोगिंदर और रंजन कुमार ने मशीन पर दो साल की गारंटी दी थी।
कंपनी के डायरेक्टर ने कहा था कि मशीन पर दो साल की गारंटी होगी। इस दौरान अगर मशीन में कोई खराबी आती है, तो उसे 24 घंटे के अंदर ठीक किया जाएगा और जरूरत पड़ने पर उपकरण और इंजीनियर भी मुफ्त में भेजे जाएंगे।
इसके बाद डॉ. केडिया ने मशीन के लिए 48 लाख रुपए का भुगतान किया और मशीन मंगवाया। गारंटी पीरियड में मशीन में तकनीकी समस्या आ गई।
नई मशीन देने के नाम पर 17 लाख मांगे
जब डॉ. केडिया ने मोबाइल पर कंपनी के डायरेक्टरों से सुधार करने के लिए कहा, लेकिन उनके द्वारा किसी प्रकार से कोई सुधार नहीं किया गया।
नए मशीन के नाम पर फिर मांगे 17 लाख
तब डॉ. केडिया ने अपने स्टाफ को दिल्ली भेजा और कंपनी से संपर्क किया। समस्या का समाधान करने के बजाय कंपनी ने डॉ. केडिया से 17 लाख रुपए और मांगे, यह कहकर कि नया मशीन दिया जाएगा।
13 लाख डॉक्टर ने फिर से दिए
तब उनकी बातों में भरोसा कर भरोसा कर उन्होंने 13 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए और कहा कि मशीन लगने के बाद शेष 4 लाख दे देंगे।
डिलीवरी के दौरान हुआ घपला
करीब 25-30 दिन बाद दिल्ली से मशीन रवाना की गई। जिस ट्रक से मशीन का परिवहन किया जा रहा था। उसके ड्राइवर से डॉ अरुण केडिया का मैनेजर रवि लहरे संपर्क में था। ट्रक डभरा (जिला सक्ती) पहुंचा, लेकिन 7-8 घंटे बीतने के बावजूद रायगढ़ नहीं पहुंचा। तब डॉ. अरुण केडिया ने अपने मैनेजर को ट्रक की तलाश के लिए डभरा भेजा।
रास्ते में बदल दिया ओरिजनल पिक्चर ट्यूब
जब जांच की गई जब ट्रक के ड्राइवर ने मैनेजर को बताया कि रास्ते में कंपनी के इंजीनियर ने मशीन की ओरिजनल पिक्चर ट्यूब बदलकर नकली ट्यूब लगा दी थी।
डॉ. केडिया के मैनेजर ने आपत्ति जताई तो कंपनी ने आश्वासन दिया कि मशीन को चालू कर दिया जाएगा। लेकिन रायगढ़ पहुंचने के बाद इंजीनियर ने इसे चालू करने से इनकार कर दिया और सीनियर इंजीनियर के आने की बात कहकर चला गया। इसके बाद से मशीन बेकार पड़ी है।
फर्जी चेक देकर टालमटोल
डॉ. केडिया ने कंपनी से लगातार संपर्क किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। जब जांच की गई तो पता चला कि यह कंपनी पहले भी इस तरह की ठगी कर चुकी है। जब डॉ. केडिया ने 61 लाख रुपए की मांग की तो कंपनी ने उन्हें दो चेक (30 और 31 लाख रुपये) दिए, जो बैंक में जमा करने पर बाउंस हो गए।
इसके बाद फिर से डॉ अरुण ने कंपनी से संपर्क करते हुए अपने रुपए वापस मांगे, लेकिन रुपए नहीं देने पर रविवार को उन्होंने कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई।
मामले में जांच की जा रही
रायगढ़ के डीएसपी सुशांत बनर्जी ने पुष्टि की है कि डॉक्टर के साथ 61 लाख की ठगी हुई है। दिल्ली की कंपनी के तीन डॉयरेक्टरों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है।