अदाणी ग्रुप का बड़ा एनर्जी मिशन, कच्छ में शुरू किया भारत का पहला ऑफ-ग्रिड ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट

नई दिल्ली: अदाणी न्यू इंडस्ट्रीज लिमिटेड (ANIL) ने भारत में स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में एक बड़ी पहल करते हुए गुजरात के कच्छ जिले में देश का पहला ऑफ-ग्रिड 5 मेगावॉट ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट सफलतापूर्वक चालू कर दिया है. यह प्लांट पूरी तरह सौर ऊर्जा से चलता है और इसमें बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (Battery Energy Storage System – BESS) भी लगा है, जिससे यह बिजली की मुख्य लाइन से पूरी तरह फ्री रहकर काम करता है. यानी यह प्लांट बिना किसी बाहरी सप्लाई के सिर्फ अपनी पैदा की गई हरित ऊर्जा से हाइड्रोजन बना सकता है.

भारत के ग्रीन हाइड्रोजन मिशन की दिशा में बड़ी उपलब्धि

यह प्रोजेक्ट भारत के राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन (National Green Hydrogen Mission) के मकसद से जुड़ा हुआ है, जिसका उद्देश्य ऊर्जा के साफ और स्वदेशी स्रोतों को बढ़ावा देना है. अदाणी समूह का यह प्रोजेक्ट देश को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ ऊर्जा आयात पर निर्भरता कम करने की दिशा में भी अहम है.

प्लांट की खासियत: पूरी तरह ग्रीन,ऑफ-ग्रिड

यह प्लांट अपने आप में खास है क्योंकि यह 100% ग्रीन है और सोलर एनर्जी से चलता है. इसमें एक बंद सर्कुलर इलेक्ट्रोलाइजर सिस्टम लगाया गया है जो सौर ऊर्जा में आने वाले उतार-चढ़ाव के अनुसार तुरंत प्रतिक्रिया देता है. यानी जब सोलर एनर्जी कम या ज्यादा हो, तब भी यह सिस्टम काम करता रहता है. यह टोक्नोलॉजी प्लांट को ज्यादा सुरक्षित, फ्लैक्सिबल और किफायती बनाती है.

यह प्लांट तकनीकी रूप से यह दिखाता है कि भारी प्रदूषण फैलाने वाले क्षेत्रों जैसे रिफाइनरी, खाद कारखानों और भारी वाहनों में भी हाइड्रोजन का स्वच्छ रूप से उत्पादन और इस्तेमाल संभव है. अदाणी ग्रुप का यह प्रोजेक्ट आने वाले समय में ऐसे ही बड़े इंडस्ट्री प्रोजेक्ट्स के लिए एक शानदार उदाहरण बनेगा.

मुंद्रा में बनेगा अगला बड़ा प्रोजेक्ट

यह पायलट प्रोजेक्ट अदाणी के अगले बड़े ग्रीन हाइड्रोजन हब का रास्ता तैयार करता है, जिसे गुजरात के मुंद्रा में विकसित किया जाएगा. इस हब के जरिये भारत का हाइड्रोजन उत्पादन काफी बढ़ेगा और देश के कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद मिलेगी.

अदाणी न्यू इंडस्ट्रीज लिमिटेड क्या करती है?

अदाणी न्यू इंडस्ट्रीज लिमिटेड (ANIL), अदाणी एंटरप्राइजेज की क्लीन यूनिट है. यह ग्रीन हाइड्रोजन और इसके डेरिवेटिव प्रोडक्ट जैसे ग्रीन अमोनिया, ग्रीन मेथनॉल और सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल के निर्माण और आपूर्ति में काम करती है. मुंद्रा में यह कंपनी सोलर सेल, मॉड्यूल, विंड टरबाइन और इलेक्ट्रोलाइजर भी बना रही है, जिससे भारत और विदेशी बाजारों की जरूरतें पूरी हो सकें.

क्यों जरूरी है ग्रीन हाइड्रोजन?

हाइड्रोजन दुनिया का सबसे हल्का और सबसे साफ एनर्जी सोर्स है. इसके जलने पर सिर्फ पानी की भाप निकलती है, यानी कोई प्रदूषण नहीं होता. यही वजह है कि दुनिया भर में ग्रीन हाइड्रोजन को ऊर्जा के भविष्य के तौर पर देखा जा रहा है.

अदाणी ग्रुप का यह प्रोजेक्ट न सिर्फ तकनीकी तौर पर बड़ा कदम है, बल्कि यह भारत को ग्लोबल ग्रीन हाइड्रोजन हब बनाने के लक्ष्य की तरफ भी मजबूत कदम है.

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