आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ: कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाते भाजपा मंत्री ने कहा- ‘गोली मारी गई, जेल भेजा गया, आज़ादी छीनी गई’

उत्तर प्रदेश: यूपी सरकार के स्वतंत्र प्रभार मंत्री दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ ने आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर नगर के अग्रवाल धर्मशाला में आयोजित एक गोष्ठी को संबोधित किया। उन्होंने 1975 में घोषित आपातकाल को भारत के लोकतांत्रिक इतिहास का काला अध्याय बताते हुए कहा कि उस दौर में हजारों निर्दोष लोगों को जेलों में डाला गया, उनकी स्वतंत्रता छीन ली गई और कई को गोली मार दी गई।

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दयालु ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह पार्टी केवल अपने परिवार के हित में कार्य करती है। उन्होंने दावा किया कि जब कांग्रेस शासन में गांधी परिवार का कोई सदस्य प्रधानमंत्री नहीं भी था, तब भी ‘सुपर पीएम’ के रूप में वही परिवार सत्ता पर नियंत्रण बनाए रहा और वास्तविक प्रधानमंत्री को स्वतंत्र रूप से कार्य करने नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि भाजपा आज देशभर में जन-जागरण अभियान चला रही है ताकि जनता को आपातकाल की भयावह सच्चाई से अवगत कराया जा सके।

इस अवसर पर राज्यसभा सांसद नीरज शेखर ने भी आपातकाल के दौरान के अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि उनके पिता पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर कांग्रेस में रहते हुए भी आपातकाल का खुला विरोध करने वाले एकमात्र नेता थे। इसी कारण उन्हें करीब 19 महीने जेल में रहना पड़ा। उन्होंने बताया कि उस समय परिवार पर ऐसा भय छा गया था कि लोग मिलने तक नहीं आते थे।

गोष्ठी के मुख्य वक्ता पूर्व सांसद भरत सिंह ने ऐतिहासिक तथ्यों को साझा करते हुए बताया कि 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद से आपातकाल की घोषणा करवाई। यह आदेश 21 मार्च 1977 तक प्रभावी रहा। इस दौरान नागरिक स्वतंत्रताएं निलंबित कर दी गईं, चुनाव टाल दिए गए और विपक्षी नेताओं के साथ-साथ पत्रकारों को भी जेल में डाल दिया गया। उन्होंने बताया कि इस दौर में इंदिरा गांधी के पुत्र संजय गांधी ने जबरन नसबंदी अभियान चलाया, जिसने हजारों परिवारों को प्रभावित किया।

कार्यक्रम के अंतर्गत नगर स्थित शहीद पार्क में वृक्षारोपण भी किया गया, जिसे मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु ने सम्पन्न किया। इस मौके पर एक प्रदर्शनी भी लगाई गई जिसमें आपातकाल के दौरान दी गई यातनाओं से संबंधित पोस्टरों को प्रदर्शित किया गया। यह पोस्टर उस दौर की अनकही सच्चाई और पीड़ादायक अनुभवों को दर्शा रहे थे।

गोष्ठी के दौरान लोकतंत्र रक्षक सेनानियों को भी सम्मानित किया गया, जिनमें गोपाल सिंह, देवेंद्र त्रिपाठी, सुनील बहादुर सिंह, ऋषि राज सिंह समेत कुल डेढ़ दर्जन सेनानी शामिल थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व मंत्री राजधारी सिंह ने की, जबकि संचालन पूर्व महामंत्री सुरजीत सिंह परमार ने किया। गोष्ठी में अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे, जिनमें पूर्व विधायक शिवशंकर चौहान, विजय बहादुर सिंह, विनोद शंकर दूबे, जयप्रकाश साहू, धर्मेंद्र सिंह, संध्या पांडेय, अभिजीत तिवारी, डॉ. धर्मेंद्र सिंह सहित अन्य प्रमुख व्यक्ति शामिल रहे।

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