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गौरेला में अजीत जोगी की प्रतिमा विवाद पर बवाल, अमित जोगी समेत 1173 लोग गिरफ्तार

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री स्वर्गीय अजीत जोगी की प्रतिमा को लेकर गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में एक बार फिर तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई। गौरतलब है कि 25 मई 2025 को गौरेला के ज्योतिपुर चौक से अजीत जोगी की प्रतिमा रहस्यमय परिस्थितियों में चोरी हो गई थी, जिसे बाद में पुलिस ने बरामद कर लिया था। इस घटना के बाद जोगी कांग्रेस के अध्यक्ष अमित जोगी ने गौरेला थाने में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हुए जिला प्रशासन को प्रतिमा की पुनर्स्थापना के लिए एक महीने का अल्टीमेटम दिया था।

एक महीने की समयसीमा समाप्त होने पर, आज अमित जोगी के नेतृत्व में हजारों की संख्या में समर्थकों ने ज्योतिपुर चौक पर जोरदार धरना-प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने जिला प्रशासन की निष्क्रियता और वादाखिलाफी को लेकर तीखी नाराजगी जाहिर की। इस दौरान पुलिस ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अमित जोगी, मरवाही के पूर्व विधायक डॉ. के.के. ध्रुव, जिला कांग्रेस अध्यक्ष उत्तम वासुदेव, सागर सिंह समेत कुल 1173 प्रदर्शनकारियों को भारतीय संहिता (बीएस एक्ट) की धारा 172 के तहत गिरफ्तार कर लिया। यह जानकारी एसडीओपी दीपक मिश्रा ने दी। प्रदर्शन में गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के अलावा मुंगेली, बिलासपुर, राजनांदगांव, कोरबा और बस्तर जिलों से भी लोग शामिल हुए।

अमित जोगी ने आरोप लगाया कि प्रतिमा चोरी की घटना में आरएसएस के जिला अध्यक्ष के पुत्र और कुछ भाजपा नेताओं की संलिप्तता है। उनका कहना था कि इन राजनीतिक प्रभावशाली लोगों के कारण पुलिस ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। उन्होंने आरएसएस को तंज कसते हुए “राष्ट्रीय समाजभक्षक संघ” कहा। अमित जोगी ने यह भी बताया कि उनकी मां व पूर्व विधायक रेणु जोगी को प्रशासन और मुख्यमंत्री द्वारा प्रतिमा की पुनर्स्थापना का आश्वासन दिया गया था, लेकिन एक महीने बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने प्रशासन पर प्रतिमा को “पिंजरे में कैद” रखने का आरोप भी लगाया।

प्रदर्शन के दौरान अमित जोगी ने कहा कि यह सिर्फ एक प्रतिमा का मामला नहीं है, बल्कि छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री के सम्मान और जनभावनाओं का विषय है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन जल्द कोई कदम नहीं उठाता, तो वे इस मामले को न्यायालय में ले जाएंगे। प्रदर्शनकारियों ने “अजीत जोगी अमर रहें” और “प्रतिमा का अपमान नहीं सहेंगे” जैसे नारों के साथ विरोध दर्ज कराया।

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