बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव ने मंगलवार को एक ट्वीट कर जानकारी दी कि उनकी उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव से वीडियो कॉल पर लंबी बातचीत हुई. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच बिहार के मौजूदा राजनीतिक हालात पर भी चर्चा हुई.
तेज प्रताप ने ट्वीट में लिखा, ‘आज मेरे परिवार के सबसे प्यारे सदस्यों में से एक यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जी से वीडियो कॉल पर लंबी वार्ता हुई, इस दौरान बिहार के राजनीतिक हालातों पर भी चर्चा हुई. अखिलेश जी हमेशा से ही मेरे दिल के काफी करीब रहे हैं और आज जब मेरा हालचाल लेने के लिए उनका अचानक से कॉल आया तो ऐसा लगा जैसे मैं अपने इस लड़ाई में अकेला नही हूं.’
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
तेज प्रताप का यह बयान ऐसे समय आया है जब बिहार में सियासी गर्मी बढ़ रही है और आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर गठबंधन और रणनीतियों को लेकर हलचल तेज है. तेज प्रताप के इस ट्वीट को उनके राजनीतिक संदेश के तौर पर भी देखा जा रहा है.
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि तेज प्रताप और अखिलेश यादव की यह बातचीत न सिर्फ व्यक्तिगत संबंधों को दर्शाती है, बल्कि आने वाले चुनावी समीकरणों पर भी असर डाल सकती है
‘मैं 4-5 लोगों के नाम बताऊंगा’
हाल ही में तेज प्रताप ने पार्टी और परिवार से खुद को बाहर किए जाने के बाद बड़ा बयान दिया था. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि वे डरने वाले नहीं हैं और अब उन लोगों के नाम सार्वजनिक करेंगे जिन्होंने उनके खिलाफ साजिश रची. तेज प्रताप ने कहा, मेरे स्वभाव और शांत व्यवहार का गलत फायदा उठाया गया. लेकिन अब मैं चुप नहीं बैठूंगा. जिन्होंने मेरी जिंदगी बर्बाद की है, मैं उन्हें नहीं छोड़ूंगा. बिहार की जनता सब देख रही है. मैं 4-5 लोगों के नाम बताऊंगा.
उन्होंने आगे कहा कि उन्हें अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता है और इसीलिए वह बिहार सरकार से सुरक्षा की मांग कर रहे हैं. तेज प्रताप का यह बयान राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा करने वाला है और इससे लालू परिवार में चल रही अंदरूनी खींचतान एक बार फिर खुलकर सामने आ गई है.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तेज प्रताप यादव की यह नाराजगी आगे चलकर राज्य की राजनीति में किसी नए मोड़ की ओर भी इशारा कर सकती है.