राजस्थान : मादक पदार्थ तस्करों की निशानदेही पर डीडवाना पुलिस ने पकड़ी विदेशी हथियारों की बड़ी खेप, दुबई-पाक कनेक्शन का खुलासा

डीडवाना : पुलिस की मादक पदार्थ तस्करी के मामले में गिरफ्तार दो अभियुक्तों से की गई पूछताछ के आधार पर बड़ा खुलासा हुआ है.डीडवाना पुलिस की पूछताछ में ये सामने आया है कि मादक पदार्थो के तस्कर , अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्करी गिरोह के रूप में भी काम कर रहे थे.पुलिस ने अभियुक्तों की निशानदेही पर 5 अत्याधुनिक विदेशी हथियारों की बरामदगी की है.यह कार्रवाई न केवल बड़ी सफलता मानी जा रही है, बल्कि इससे दुबई और पाकिस्तान से संचालित नेटवर्क की परतें भी खुल रही हैं.

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आपको बता दे की पुलिस मुख्यालय के निर्देशानुसार चलाए जा रहे विशेष मादक पदार्थ विरोधी अभियान के तहत, दिनांक 26 जून 2025 को पुलिस थाना मौलासर (प्रकरण संख्या 84/2025) व थाना खुनखुना (प्रकरण संख्या 87/2025) में एनडीपीएस एक्ट की धारा 8/21 के अंतर्गत गिरफ्तार किए गए मोहम्मद इलियास और अमरजीत सिंह तखर उर्फ प्रिंस से जब गहन पूछताछ की गई, तब हथियार तस्करी से जुड़ी अहम जानकारी सामने आई.

डीडवाना – कुचामन जिले के पुलिस अधीक्षक हनुमान प्रसाद मीणा ने ,डीडवाना थाने में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बताया की थानाधिकारी राजेन्द्र सिंह और उनकी टीम ने मोहम्मद इलियास की निशानदेही पर 2 विदेशी पिस्टल, 2 ऑस्ट्रिया निर्मित ग्लॉक पिस्टल के पुर्जे और 1 विदेशी पिस्टल के खुले पुर्जे बरामद किए हैं.

 

उन्होंने बताया की प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि यह गिरोह दुबई में रह रहे शेरानी आबाद निवासी असगर अली द्वारा संचालित किया जाता है, जो पाकिस्तान के तौफीक, जोबन और मोहम्मद इसहाक के माध्यम से भारत-पाक सीमा के रास्ते मादक पदार्थों और हथियारों की तस्करी करता है।
गिरोह में शामिल इलियास और अमरजीत सिंह उर्फ प्रिंस तस्करी और हथियारों की खेप को राजस्थान, पंजाब और उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों में पहुंचाने का काम करते थे.

 

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हिमांशु शर्मा ने बताया की यह गिरोह आपसी संवाद के लिए बोटिम ऐप और व्हाट्सएप कॉल जैसे माध्यमों में विदेशी सिम कार्ड का उपयोग करता था, जिससे उनकी गतिविधियों को ट्रैक करना कठिन हो रहा था.हथियारों को दुबई से पहले पाकिस्तान और फिर वहां से संभवतया ड्रोन के जरिए राजस्थान के सीमावर्ती राज्यों में भेजा जाता था, इसके बाद इन हथियारों को सप्लाई किए जाने की जानकारी सामने आई है.हैरानी की बात ये है कि दुबई से हथियार पहले पाकिस्तान और पाकिस्तान से राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में आ रहे थे और सुरक्षा एजेंसियों को इसकी भनक तक नहीं लग रही थी.

 

 

डीडवाना थानाधिकारी राजेन्द्र सिंह के नेतृत्व में की गई इस कार्रवाई में प्रेमप्रकाश (प्रभारी साइबर सैल), प्रेम अडानिया (साइबर एक्सपर्ट), प्रहलाद सिंह, नेमाराम, मनोज कुमार, गोपालराम, तुलसीराम और महिला कांस्टेबल निशा कंवर की भूमिका बेहद अहम रही है.

बरामद हथियारों में शामिल ग्लॉक और नोरिन्को जैसे पिस्टल आमतौर पर विश्व के सर्वाधिक घातक हथियारों में गिने जाते हैं, जिनका उपयोग विशेष पुलिस बल और सेना द्वारा किया जाता है.

पुलिस अब इस गिरोह के नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही है, और उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इस मामले में और भी बड़े खुलासे होंगे.

 

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