उद्धव-राज ठाकरे के साथ आने के सवाल पर वारिस पठान बोले, ‘अब इनको मिलकर…

महाराष्ट्र की राजनीति में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक बार फिर से चर्चा का केंद्र बन गए हैं. मराठी और इंग्लिश मीडियम स्कूलों में पहली से पांचवीं तक के छात्रों को हिंदी पढ़ाने के फैसले के खिलाफ दोनों 5 जुलाई को आंदोलन करने जा रहे हैं. माना जा रहा है कि इस आंदोलन में एक मंच पर आने के बाद राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे फिर से सियासी तौर पर साथ आ सकते हैं. कुल मिलाकर ठाकरे ब्रदर्स के साथ आने की संभावना को अब पूरा बल मिल चुका है. इस पर अब AIMIM नेता वारिस पठान की प्रतिक्रिया सामने आई है.

इनको मिलकर विकास की बात करनी चाहिए- वारिस पठान

न्यूज़ एजेंसी IANS से बातचीत में वारिस पठान ने कहा, “ठाकरे परिवार अगर एक साथ आ जाता है तो मुझे क्या ऐतराज है. पहले साथ में ही थे. बीच में कुछ हुआ तो अलग हो गए. अब तो नगर निकाय के चुनाव भी आ रहे हैं. उस बात को भी नजर में रखना पड़ेगा. महाराष्ट्र में सात सालों बाद कॉर्पोरेशन के चुनाव आ रहे हैं. अब इनको मिलकर विकास की बात करनी चाहिए. बीएमसी में करप्शन बढ़ गया है उस पर बात करनी चाहिए. मुंबई की सड़कों पर जो गड्ढे हैं उनको देखना चाहिए.”

इसके साथ ही उन्होंने महाराष्ट्र में भाषा विवाद पर भी उन्होंने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, “यूनिवर्सल लैंग्वेज इंग्लिश है. मैं अपनी बात करूं तो मैं वकील हूं. मैं इंग्लिश, हिंदी, मराठी और गुजराती भी चारों भाषा फर्राटेदार बोलता हूं. हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है. हिंदी पूरे देश के अंदर बोली जाती है. बीजेपी के मंत्री बोलते हैं कि इंग्लिश को ऐसा साफ कर देंगे कि अब तो सिर्फ हिंदी ही चलेगी. लेकिन आप किसी को जबरन ये बोलो कि यहां रहना है तो यही बोलना पड़ेगा तो ये तानाशाही है.

AMIMI नेता ने ये भी कहा, “मैं अगर तमिलनाडु चला गया तो मुझे तमिल तो नहीं आती. वहां मुझे लोग पकड़कर मारेंगे क्या? ये सब हमारे देश में नहीं होना चाहिए. सारी भाषा सीखने का आपको अधिकार है. हिंदी तो मैं समझता हूं कि बहुत प्यारी और खूबसूरत भाषा है, बोलनी चाहिए.”

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