रीवा: जिले के बेला-सिलपरा निर्माणाधीन रिंग रोड पर सोमवार को हुए दर्दनाक सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल माधव प्रसाद कुशवाहा के साथ ‘उदित इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड’ कंपनी द्वारा किए गए लिखित आश्वासन के बाद भी धोखा हुआ है। बताया जाता है कि उदित इम्फरा कंपनी सेमरिया विधानसभा के विधायक अभय मिश्रा की है, जो अब अपने वादे से मुकर गई। जिसके बाद पीड़ित को मजबूरन नागपुर के अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा, जहां डॉक्टरों की टीम को दुर्घटना में बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए उसके पैर को काटना पड़ा। डॉक्टरों के अनुसार इस पूरे इलाज में लगभग 4 से 5 लाख रुपये का खर्च आया है।
जानकारी के मुताबिक, देवरा गांव निवासी माधव कुशवाहा अपने दो बच्चों के साथ बाइक से निपानिया स्कूल में प्रवेश के लिए जा रहे थे। डोमा मोड़ के पास लापरवाही से चल रही एक जेसीबी लोडर, जिसे कंपनी का कर्मचारी दिलीप यादव चला रहा था, जिसने उनकी बाइक को टक्कर मार दी। हादसे में माधव कुशवाहा वाहन के नीचे आ गए और उन्हें गंभीर चोटें आईं, जबकि उनके दोनों बच्चों को मामूली खरोंचें आई थी।
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— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय लोग बड़ी संख्या में मौके पर पहुंचे और घायल को तुरंत संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने सड़क निर्माण कंपनी उदित इंफ्रा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए रीवा-मुकुंदपुर सड़क को जाम कर दिया था ग्रामीणों ने दोषी चालक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और घायल के परिवार को मुआवजा देने की मांग की थी।
कंपनी का वादा और छलावा
घटना को लेकर चोरहटा थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई थी। शुरुआती तौर पर, उदित इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड ने घायल के इलाज का पूरा खर्च उठाने के साथ ही परिवार को हर महीने ₹20,000 की आर्थिक सहायता और एक सदस्य को नौकरी देने का लिखित आश्वासन दिया था। हालांकि, कंपनी ने बाद में अपने इस आश्वासन से मुंह मोड़ लिया, जिससे पीड़ित और उसके परिवार को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
पैर गंवाने की नौबत और ग्रामीणों का आक्रोश
कंपनी द्वारा सहायता से पीछे हटने के बाद, माधव कुशवाहा की स्थिति बिगड़ती गई और उन्हें बेहतर इलाज के लिए नागपुर के एक निजी अस्पताल में ले जाना पड़ा। वहां डॉक्टरों की टीम को दुर्भाग्यवश उनका पैर काटना पड़ा। इस इलाज में लगभग 4 से 5 लाख रुपये का खर्च आया है, जिससे पीड़ित परिवार की आर्थिक स्थिति और खराब हो गई है।
इस घटना के बाद, ग्रामीणों में उदित इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ भारी आक्रोश है। वे कंपनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और माधव कुशवाहा को न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं, जिन्होंने कंपनी के छलावे के कारण न केवल अपना पैर गंवा दिया, बल्कि भारी आर्थिक बोझ भी झेलना पड़ रहा है। यह घटना कंपनी की लापरवाही और सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति उसके उदासीन रवैये को उजागर करती है।
उदित इंफ्रा कंपनी की लापरवाही पहले भी उजागर हो चुकी है रीवा सेमरिया मार्ग के निर्माण के दौरान लगभग दर्जन भर से ज्यादा लोगों की जान उदित इंफ्रा कंपनी की लापरवाही के चलते जा चुकी है उसके बाद भी उदित इंफ्रा कंपनी अपनी लापरवाहियों से बाज नहीं आ रहा है ।