Uttar Pradesh: सहारनपुर में अधिवक्ताओं की गरिमा को धूमिल करने वाला एक गंभीर और सनसनीखेज मामला सामने आया है. शहर की दो बहन महिला अधिवक्ता शाजिया प्रवीन और नाजिया प्रवीन को 5 साल के लिए सस्पेंड कर दिया. दोनों बहनें देश की किसी भी कोर्ट में वकालत नहीं कर सकेगी. यूपी बार काउंसिल ने अनुशासनात्मक कार्रवाई की है. वकीलों को ही ब्लैकमेल कर रही थी.
सिविल कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता बाबर वसीम ने बार काउंसिल में शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में आरोप था कि दोनों अधिवक्ता बहनों ने एक न्यायिक प्रक्रिया के दौरान बाबर वसीम को कोर्ट के बाहर धमकाया. उन्होंने केस से हटने के लिए दबाव बनाते हुए बलात्कार के झूठे मुकदमे में फंसाने और जान से मारने की धमकी तक दे डाली।बार काउंसिल की अनुशासन समिति ने पूरे मामले की जांच की.
जांच के दौरान केवल बाबर वसीम द्वारा प्रस्तुत किए गए सबूत ही नहीं, बल्कि पूर्व में शाजिया और नाजिया प्रवीन द्वारा कई अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तियों से ब्लैकमेलिंग कर अवैध रूप से वसूली करने के मामलों का भी खुलासा हुआ. इन सभी पहलुओं के आधार पर समिति ने ये पाया कि दोनों अधिवक्ता बहनों का आचरण न केवल बार की मर्यादा, बल्कि कानून की गरिमा के भी विपरीत है. अनुशासन समिति ने साक्ष्यों, गवाहियों और पत्रावलियों का गहराई से परीक्षण करने के बाद यह निर्णायक और कठोर फैसला सुनाया कि शाजिया और नाजिया प्रवीन को अब भारत की किसी भी अदालत में पांच वर्षों तक वकालत करने की अनुमति नहीं होगी। ये प्रतिबंध तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया गया.