कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने मनुस्मृति बनाम संविधान पर चल रही बहस के बीच बड़ा बयान दिया है. शशि थरूर ने कहा है कि आरएसएस और बीजेपी अब बदल चुके हैं. थरूर का बीजेपी और आरएसएस के प्रति ऐसा नरम बयान देश की राजनीति में चर्चा का केंद्र बन गया है. थरूर ने यह भी स्पष्ट किया कि वर्तमान में आरएसएस संभवतः उन पुराने विचारों से आगे बढ़ चुका है और आज वो क्या सोचते हैं, वह खुद आरएसएस बेहतर बता सकती है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महासचिव दत्तात्रेय होसबले ने संविधान की प्रस्तावना से समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष जैसे शब्द हटाने की बात का समर्थन किया था. इसके बाद ही इस पर विवाद शुरू हो गया. होसबले के बयान पर राहुल गांधी ने सोशल मीडिया X पर ट्वीट कर कहा था कि संविधान समानता, धर्मनिरपेक्षता और न्याय की बात करता है. ये इन्हें चुभता है RSS का नकाब उतर गया है.
राहुल ने कहा कि RSS-BJP को संविधान नहीं, मनुस्मृति चाहिए. ये बहुजनों और गरीबों से उनके अधिकार छीनकर उन्हें दोबारा गुलाम बनाना चाहते हैं. संविधान जैसा ताकतवर हथियार उनसे छीनना इनका असली एजेंडा है. आरएसएस ये सपना देखना बंद करे. हम उन्हें कभी सफल नहीं होने देंगे. हर देशभक्त भारतीय आखिरी दम तक संविधान की रक्षा करेगा.
#WATCH | Ahmedabad, Gujarat | On Congress LoP Rahul Gandhi's tweet that the RSS-BJP want Manusmriti instead of the Constitution, Congress MP Shashi Tharoor says, "Historically, he's (Rahul Gandhi) referring to the fact that that was a criticism expressed at the time of the… pic.twitter.com/ICfvs5poae
— ANI (@ANI) June 29, 2025
इस पर शशि थरूर ने कहा, ‘ऐतिहासिक रूप से वे (राहुल गांधी) इस तथ्य का उल्लेख कर रहे हैं कि संविधान को अपनाने के समय यह आलोचना व्यक्त की गई थी. श्री गोलवलकर ने संविधान में मनुस्मृति का उल्लेख न करने को कमी बताया था, लेकिन, मुझे लगता है कि अब आरएसएस उन दिनों से आगे बढ़ चुका है. आज वो क्या सोचते हैं, वह खुद आरएसएस बेहतर बता सकती है.
शशि थरूर का ऐसा बयान तब आया जब कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल बीजेपी और संघ पर संविधान से छेड़छाड़ के आरोप लगा रहे हैं. 1976 में इमरजेंसी के दौरान समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष जैसे शब्द संविधान में जोड़े गए थे जिसे RSS महासचिव दत्तात्रेय होसबले ने जबरन जोड़ा गया कहा.