एक बेबस बेटा! मां का शव स्ट्रेचर पर रखकर 1 KM पुल पर पैदल चला, थकता तो वहीं बैठ जाता

यूपी के हमीरपुर जिले से मानवता को शर्मसार करने वाली एक तस्वीर सामने आई है. यहां एक बेटा अपनी मां के शव को स्ट्रेचर पर एंबुलेंस चालकों की मदद से यमुना पुल पार ले गया. करीब एक किलोमीटर लंबे पुल को पार करने में तीन से चार बार शव को पुल के बीच में रखा गया. बेबसी और गम के बीच बेटा आंसू बहाते हुए स्ट्रेचर को लेकर आगे चला. अब इसका मार्मिक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है.

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दरअसल, हमीरपुर जिला मुख्यालय स्थित यमुना पुल है, जहां जिले के सुमेरपुर थाना क्षेत्र के टेढ़ा गांव निवासी बिंदा अपनी मां के शव को एंबुलेंस में लेकर घर कानपुर से हमीरपुर के लिए निकल पड़ा. वो हमीरपुर में पुल की दूसरी साइड पहुंचा था, लेकिन पुल की मरम्मत के लिए पुल बंद किया गया था. यह बात बिंदा को याद नहीं रही. यहां आकर उसे पता चला कि पुल बंद है.

किसी ने भी नहीं समझी बेटे की मजबूरी

इस पर बिंदा ने पुल की मरम्मत करने वाली कंपनी के कर्मियों से शव लिए एंबुलेंस को निकालने का अनुरोध किया, लेकिन किसी ने भी उसकी नहीं सुनी. फिर मजबूरन वो स्ट्रेक्चर पर अपनी मां के शव को पुल पार ले गया. इसके बाद ऑटो से शव को घर ले गया. बिंदा ने बताया कि उसकी मां शिव देवी का पैर फैक्चर हो गया था, जिसके चलते मां को कानपुर में इलाज के भर्ती कराया गया था.

किसी ने भी नहीं जाने दी गई एंबुलेंस

बेटे ने बतया कि मां की शनिवार सुबह इलाज के दौरान मौत हो गई. फिर वो सुबह अपनी मां के शव को एंबुलेंस में लेकर हमीरपुर आ रहा था. इसी दौरान पुल पर से एंबुलेंस नहीं जाने दी गई. फिर मजबूरी में उसने एंबुलेंस चालकों की मदद से अपनी मां के शव को स्ट्रेचर पर लादा और एक किमी पैदल चलकर पुल पार किया. बाद में आटो में शव रखकर अपने गांव ले गया.

लोगों ने खड़े किए सवाल

बेटे द्वारा अपनी मां के शव को एंबुलेंस के चालकों की मदद से पुल पार ले जाने के वायरल वीडियो और तस्वीरों ने हर किसी को झखझोर दिया. लोग पुल की मरम्मत करने वाली कंपनी पीएनसी पर कई सवाल खड़े कर रहे हैं. लोग कह रहे हैं कि पुल मंत्री और अधिकारियों के लिए खोल दिये जाते हैं.

लोगों का कहना है कि सारे सारे नियम-कानून सिर्फ आम लोगों पर लागू किए जाते हैं. वही कंपनी के अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं. ऐसे में उनकी कार्यशैली पर सवाल उठना लाजमी है.

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