ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को लेकर अमेरिका और इजरायल के एक्शन के बाद तेहरान के एक शीर्ष शिया मौलवी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ फतवा जारी किया है.
न्यूयॉर्क सन की रिपोर्ट के मुताबिक, शिया मौलवी नासेर मकारेम शिराजी ने दुनियाभर के मुस्लिमों से एकजुट होने का आह्वान करते हुए फतवा जारी किया है. फतवे में कहा गया है कि कोई भी शख्स या सरकार जो वैश्विक इस्लामिक समुदाय के नेतृत्व के लिए खतरा बनेगा. उसका माकूल जवाब दिया जाएगा. ईरान के सुप्रीम लीडर को धमकी देने या उनकी हत्या की कोशिश करने वालों को अल्लाह के प्रकोप का सामना करना पड़ेगा. इस तरह की हरकत को अल्लाह की तौहीन के तौर पर देखा जाएगा और उसे अल्लाह के खिलाफ युद्ध के तौर पर देखा जाएगा.
हाल के दिनों में हमने देखा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति और इजरायल के नेताओं ने किस तरह बार-बार ईरान के सुप्रीम लीडर को धमकी दी है. सुप्रीम लीडर की हत्या की धमकी को लेकर इस्लामी समुदाय और उसके नेतृत्व का कर्तव्य क्या है? अगर अमेरिकी सरकार या कोई और इस तरह की गतिविधियों में लिप्त रहता है तो ऐसे में दुनियाभर के मुसलमानों की जिम्मेदारी क्या है?
फतवे में आगे कहा गया कि जो भी ईरान के सुप्रीम लीडर या धार्मिक नेताओं की हत्या की योजना बनाएगा. इस्लामिक कानून के तहत वह कड़ी से कड़ी सजा का हकदार होगा. दुनियाभर के सभी मुसलमानों के लिए जरूरी है कि वे इन दुश्मनों को पहचानें और ताकत के साथ बदला लें. अगर उन्हें कड़ी सजा नहीं दी गई तो जिहादी प्रतिशोध का इनाम अल्लाह के पास है. अल्लाह सुप्रीम लीडर की हिफाजत करे. उन पर कृपा बनाए रखें.
फतवे में कहा गया कि जो भी इस्लामिक उम्माह के नेतृत्व और उसकी एकजुटता के लिए खतरा बनेगा, उसे अल्लाह की अवहेलना माना जाएगा.