मध्य प्रदेश पुलिस ने भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) को बड़ा झटका दिया है. पुलिस के 80 हजार से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों की बीएसएनएल सिम अब एयरटेल में पोर्ट की जाएंगी. इस संबंध में बाकायदा आदेश जारी किए गए हैं.
दरअसल, नए कानून भारतीय न्याय संहिता के तहत वीडियो रिकॉर्डिंग को सर्वर पर सहेजना हो या अधिकारियों-कर्मचारियों को दस्तावेज भेजना हो, इन कार्यों के लिए बीएसएनएल का 3जी और 4जी नेटवर्क ही उपलब्ध था, जिसमें फाइल डाउनलोड या अपलोड करने में काफी परेशानी होती थी. प्रदेश के कई इलाकों में बीएसएनएल का नेटवर्क उपलब्ध ही नहीं था. इस समस्या से निजात पाने के लिए पुलिस विभाग ने करीब 80 हजार क्लोज्ड यूजर ग्रुप (CUG) सिमकार्ड को बीएसएनएल से हटाकर एयरटेल में पोर्ट करने का निर्णय लिया है.
बता दें कि पुलिस ने पहली बार 2009 में बीएसएनएल के 9,000 से अधिक सिमकार्ड खरीदे थे ताकि थाने के स्टाफ का नंबर कभी न बदले. इसका मतलब है कि यदि कोई थाना प्रभारी तबादले के बाद दूसरी जगह तैनात होता है, तो उस थाने का संपर्क नंबर वही रहेगा, जिससे मदद मांगने वाले लोग परेशान न हों. जरूरत पड़ने पर पुलिस दूरसंचार शाखा ने 70,000 और सिमकार्ड खरीदे थे. कुल मिलाकर, करीब 80,000 सिमकार्ड अब बीएसएनएल से एयरटेल में पोर्ट किए जा रहे हैं.
राजधानी भोपाल पुलिस की डीसीपी श्रद्धा तिवारी के नाम से जारी एक आदेश में कहा गया है कि पहले बीएसएनएल की सिम सभी शासकीय कर्मचारियों को प्रदान की गई थीं. अब सभी सिम धारक 10 रुपये का रिचार्ज स्वयं करके SMS में PORT 10 अंकों का CUG नंबर टाइप कर 1900 पर भेजें. इसके बाद UPC कोड प्राप्त होगा. उस कोड के साथ सिम नंबर, नाम और पदनाम की सूची CUG डेस्क, भोपाल को दो दिन के भीतर भेजें.