‘क्या बिहार में शरिया कानून चाहते हैं’, बीजेपी ने वक्फ बिल के विरोध पर इंडिया ब्लॉक को घेरा

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए इंडिया ब्लॉक पर निशाना साधा. इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव के वक्फ संशोधन अधिनियम पर हाल ही में दिए गए बयान का भी जिक्र किया. बीजेपी सांसद ने कहा कि समाजवाद का ‘वस्त्र’ ओढ़े हुए आरजेडी और एसपी सहित कई दल ‘उत्पीड़ित’ मुसलमानों के अधिकारों के लिए नहीं लड़ रहे हैं. इन दलों के समाजवाद को अगर ‘नमाजवाद’ कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी.

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सुधांशु त्रिवेदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, “पटना के गांधी मैदान में जहां आपातकाल के दौरान संविधान की रक्षा और संविधान के सम्मान के लिए जान की परवाह किए बिना लाखों लोग एकत्र हुए थे, वहां कल एक ऐसी रैली हुई, जिसमें इंडी गठबंधन के सहयोगी, बिहार के नेता तेजस्वी यादव ने ​कहा कि संसद के कानून को (वक्फ बोर्ड कानून) कूड़ेदान में फेंक देंगे. जबकि यह कानून (वक्फ बोर्ड कानून) दोनों सदनों से पारित है और कोर्ट में विचाराधीन है. इसका अर्थ ये हुआ कि न संसद का सम्मान, न न्यायपालिका का सम्मान.”

‘बिहार में शरिया कानून…’

भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, “मैं भारतीय जनता पार्टी गठबंधन से पूछना चाहता हूं कि क्या आप बिहार में शरिया कानून लागू करने की सोच रहे हैं, जो सऊदी अरब, इंडोनेशिया, तुर्की और आईएसआईएस से भी बड़ा है? ”

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, “इन समाजवादियों को अल्पसंख्यकों की भी परवाह नहीं है. मुल्ला-मौलवियों के सामने झुककर वे ‘समाजवाद’ को ‘नमाजवाद’ में बदलना चाहते हैं, ‘पक्के नमाजवादी हैं, राजद हो या कांग्रेस, वोटो की प्यास में कितनी तड़प है. मैं बिहार के लोगों से कहना चाहता हूं कि दो विकल्प हैं. एक तरफ इंडिया ब्लॉक गठबंधन, जो सत्ता में आने पर पिछले दरवाजे से शरिया लागू करने की कोशिश करेगा और दूसरी तरफ हमारी सरकार, जो बाबा साहब के संविधान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध रहेगी.”

उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी और एनडीए गठबंधन ने ठान लिया है कि अगर कोई बाबा साहब अंबेडकर के संविधान या उसके किसी भी प्रावधान को कूड़ेदान में फेंकना चाहेगा तो हम ऐसा नहीं होने देंगे.

‘विपक्ष अपने वोट बैंक के लिए…’

भाजपा सांसद ने जोर देकर कहा कि विपक्ष अपने वोट बैंक के लिए संविधान की अवहेलना करने की अपनी 50 साल पुरानी मानसिकता से आगे नहीं बढ़ पा रहा है. इसका मतलब है कि संसद और न्यायपालिका के प्रति कोई सम्मान नहीं है. तेजस्वी यादव और भारतीय जनता पार्टी के अन्य नेताओं ने वोट बैंक के लिए जो कुछ भी कहा है, उससे यह साफ है कि वे संविधान को कूड़ेदान में फेंकने की 50 साल पुरानी मानसिकता से बाहर नहीं आ पा रहे हैं.

आरजेडी लीडर तेजस्वी यादव रविवार को पटना में वक्फ संशोधन अधिनियम के विरोध में शामिल हुए. वक्फ संशोधन अधिनियम 3 और 4 अप्रैल को संसद के दोनों सदनों में पारित हुआ था और 5 अप्रैल को राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद यह कानून बन गया. इसके बाद देश के अलग-अलग पार्टियों के कई सांसदों और मुस्लिम संगठनों ने इस कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट रुख किया. मौजूदा वक्त में यह मामला कोर्ट के अधीन है.

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