ग्वालियर। शहर के चर्चित मामले में दुष्कर्म के आरोपित तत्कालीन तहसीलदार शत्रुघन सिंह चौहान ने पांच माह बाद सोमवार को जिला न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया है, इसके साथ ही जमानत के लिए भी आवेदन किया है। आत्मसमर्पण के बाद कोर्ट के मामले की सूचना संबंधित थाने को देकर मामले के विवेचना अधिकारी को तलब किया है।
आत्मसमर्पण के बाद जमानत की अर्जी
इस मामले में शत्रुघन सिंह चौहान की ओर से पैरवी करने वाले अधिवक्ता विष्णु सिंघल का कहना है कि जिला कोर्ट में आत्मसमर्पण के बाद जमानत के लिए अर्जी लगाई गई है। वहीं, फरियादी महिला ने जो भी आरोप लगाए हैं, वह सभी निराधार हैं। वह महिला पहले भी एक अन्य युवक के साथ ऐसा ही कर चुकी है। अधिवक्ता ने यह भी बताया कि चौहान के ऊपर जितने मामले दर्ज थे, वह उन सभी में दोषमुक्त हो चुके थे।
यह था मामला
तत्कालीन तहसीलदार शत्रुघन सिंह चौहान पर 15 जनवरी 2025 को एक 34 वर्षीय महिला ने झांसा देकर वर्षों तक दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। महिला ने थाने में आरोपित के खिलाफ मामला भी दर्ज करवाया था जिसके बाद से आरोपित फरार था और उस पर पुलिस ने पांच हजार का इनाम भी घोषित कर दिया था। महिला ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि तत्कालीन तहसीलदार ने उसको वर्ष 2008 से 2025 तक बतौर पत्नी साथ रखा और उसका लगातार शारीरिक शोषण किया।
कुल चार पत्नियां होने का भी आरोप
महिला ने आरोपित की पोल खोलते हुए यह भी आरोप लगाए कि चौहान की कुल चार पत्नियां हैं। महिला ने आरोपित पर मारपीट और धमकाने के भी आरोप लगाए हैं। बता दें कि महिला मूल रूप से भिंड की रहने वाली है। 2005-06 में उसकी शादी भिंड में हुई थी। दो वर्ष बाद उसके पति का निधन हो गया और 2008 में शत्रुघन सिंह चौहान ने उसके जेठ से दोस्ती का फायदा उठाते हुए महिला से करीबी बढ़ा ली। 2010 में रतनगढ़ माता मंदिर में सिंदूर भरकर शादी की नौटंकी करते हुए महिला को विश्वास दिलाया और 2014 में महिला ने एक बेटे को भी जन्म दिया।