जसवंतनगर : नहर किनारे मिली नवजात बच्ची… स्कूटी से गुज़र रही तान्या ने बदली ज़िंदगी!

जसवंतनगर/इटावा: एक हृदय विदारक घटना में, भोगनीपुर नहर के किनारे एक नवजात बच्ची को लावारिस हालत में पाया गया, जिसे ग्राम भतौरा की मूल निवासी तान्या शर्मा ने नया जीवन दिया है. गुड़गांव में एक फाइनेंस कंपनी में कार्यरत तान्या ने इस बच्ची को न सिर्फ बचाया, बल्कि उसे अपनी बेटी के रूप में गोद लेने का भी दृढ़ संकल्प लिया है. उनके इस साहसिक और मानवीय कार्य की स्थानीय समुदाय द्वारा तहे दिल से सराहना की जा रही है.

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यह घटना तब सामने आई जब रविवार को तान्या शर्मा अपनी स्कूटी से इटावा जा रही थीं. भोगनीपुर नहर पुल के पास अचानक उनकी स्कूटी खराब हो गई, जिसके बाद उन्हें रुकना पड़ा. जब वह अपनी स्कूटी की जांच कर रही थीं, तभी उन्हें पास से एक बच्चे के रोने की करुण आवाज़ सुनाई दी. आवाज़ की दिशा में जाने पर, तान्या ने देखा कि एक नवजात बच्ची गंदे कपड़ों में लिपटी हुई ज़मीन पर पड़ी थी. बच्ची की हालत देखकर तान्या का हृदय पसीज गया और उन्होंने बिना किसी हिचकिचाहट के उसे अपने साथ ले जाने का फैसला किया.

 

तान्या बच्ची को तुरंत अपने घर ले आईं और उसकी देखभाल में जुट गईं. उन्होंने बच्ची को साफ किया, उसे गर्माहट दी और उसकी हरसंभव मदद की. अगले दिन, सोमवार को तान्या ने अपनी इस खोज की पूरी जानकारी जसवंतनगर थाने में दी. पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बच्ची को तुरंत स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में भर्ती कराया, जहाँ प्रारंभिक जांच में पता चला कि बच्ची को बुखार था. उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए, डॉक्टरों ने उसे बेहतर इलाज के लिए तत्काल सैफई पीजीआई रेफर कर दिया.

 

तान्या शर्मा ने इस पूरी घटना के बारे में बात करते हुए अपनी भावनाओं को व्यक्त किया. उन्होंने कहा, “मैं इस बच्ची को पाकर बहुत खुश हूँ. मुझे ऐसा लगता है जैसे यह भगवान का भेजा हुआ उपहार है. मैं उसे अपनी बेटी के रूप में पालना चाहती हूँ और उसे वह सब कुछ देना चाहती हूँ जो एक माँ अपनी बच्ची को देती है.” तान्या का यह निर्णय समाज के लिए एक प्रेरणा बन गया है.

 

स्थानीय लोगों ने एक स्वर में बच्ची को लावारिस छोड़ने वाले अज्ञात व्यक्तियों की कड़ी निंदा की है और इस अमानवीय कृत्य पर गहरा रोष व्यक्त किया है. वहीं, सभी ने तान्या शर्मा के इस असाधारण परोपकार और ममतामयी कार्य की जमकर सराहना की है. यह घटना एक बार फिर दर्शाती है कि समाज में अभी भी ऐसे लोग मौजूद हैं जो दूसरों की मदद के लिए निस्वार्थ भाव से आगे आते हैं और मानवता की मिसाल पेश करते हैं.

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