उत्तर प्रदेश के हाथरस ज़िले के सासनी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से एक हैरान कर देने वाली लापरवाही सामने आई है. स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी को अपने ही जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) और जिलाधिकारी (DM) का मोबाइल नंबर तक नहीं मालूम, जब पत्रकारों ने सीएमओ और डीएम का नंबर मांगा, तो प्रभारी साहब इधर-उधर देखने लगे, और काफी देर बाद बड़ी मुश्किल से मोबाइल में से एक नंबर ढूंढ कर बताया — जो कि था गलत.
स्वास्थ्य केंद्र की दीवार पर भी जिलाधिकारी राहुल पांडेय के नाम के नीचे किसी और का मोबाइल नंबर लिखा हुआ मिला। सवाल उठता है- क्या ऐसे गैर-जिम्मेदार अधिकारियों के हाथ में जनता की सेहत सुरक्षित है?
“जहां सरकार हर स्तर पर व्यवस्था को डिजिटल और पारदर्शी बनाने की बात कर रही है, वहीं यहां के जिम्मेदार अधिकारी बुनियादी जानकारी से भी अंजान हैं। सवाल ये है कि जब किसी आपात स्थिति में डीएम या सीएमओ से संपर्क करना हो — तो ये सिस्टम कैसे काम करेगा?”
“अगर जिम्मेदार अफसरों के नंबर तक इन्हें नहीं मालूम, तो जनता के इलाज और समस्याओं का समाधान कैसे होगा?”
“हाथरस स्वास्थ्य विभाग की ये लापरवाही अब सवालों के घेरे में है. देखना होगा कि जिला प्रशासन इस पर क्या कार्रवाई करता है या फिर ये भी एक और मामला बनकर रह जाएगा फाइलों में दबा हुआ.”
Uttar Pradesh: “हाथरस स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही उजागर: सीएमओ और डीएम का नंबर नहीं जानते स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी!”

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