जसवंतनगर, इटावा: ग्राम पंचायत फुलराई में लगभग तीन वर्ष पूर्व बने पंचायत घर की बाउंड्री वॉल मामूली बारिश भी नहीं झेल सकी और करीब 30 फुट लंबा हिस्सा धराशायी हो गया। इस घटना ने निर्माण कार्य में बरती गई लापरवाही और भ्रष्टाचार की परतें खोल दी हैं। ग्रामीणों ने निर्माण में भारी अनियमितताओं का आरोप लगाया है।
ग्रामीणों का कहना है कि निर्माण के समय ही घटिया सामग्री का प्रयोग किया गया था। ईंट, बालू और सीमेंट की गुणवत्ता इतनी खराब थी कि थोड़ी भी बारिश या हलके झटके से दीवार गिरना तय था। एक ग्रामीण ने बताया कि निर्माण में इस्तेमाल की गई सामग्री देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता था कि यह निर्माण लंबे समय तक नहीं टिकेगा।
ग्रामीणों के अनुसार, ग्राम प्रधान वीर सिंह के दबंग रवैये के कारण कोई भी खुलकर इस निर्माण की शिकायत करने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। लोगों को डर था कि यदि उन्होंने आवाज उठाई तो उन्हें प्रधान के गुस्से का सामना करना पड़ सकता है। यही वजह रही कि ग्रामीणों ने आंखों के सामने हो रही सरकारी धन की बर्बादी और सार्वजनिक संपत्ति के साथ समझौते के बावजूद चुप्पी साधे रखी।
ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान वीर सिंह और पंचायत सचिव पूजा भदौरिया पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों ने मिलकर सरकारी धन का दुरुपयोग किया और निजी लाभ के लिए निर्माण में निम्न गुणवत्ता वाली सामग्री का प्रयोग किया। ग्रामीणों का मानना है कि यदि कार्य ईमानदारी से और उचित निगरानी में हुआ होता, तो पंचायत घर की दीवारें इतनी जल्दी नहीं गिरतीं।
यह घटना न सिर्फ स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि किस तरह जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता समाप्त होती जा रही है। ग्रामीणों ने इस मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।