अमरनाथ यात्रा के लिए आज पहला जत्था जम्मू से रवाना हो गया है. उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भगवती नगर बेस कैंप से यात्रा को हरी झंडी दिखाई. यात्री दोपहर बाद कश्मीर घाटी पहुंचेंगे. हालांकि आधिकारिक तौर पर यात्रा की शुरुआत कल से होगी.
38 दिन तक चलने वाली यात्रा पहलगाम और बालटाल दोनों रूटों से होगी. जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-44) समेत पूरे रूट पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. यात्रा का समापन 9 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन होगा.
पिछले साल यात्रा 52 दिन चली थी और 5 लाख श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा के दर्शन किए थे. अमरनाथ यात्रा के लिए अब तक 3.5 लाख से ज्यादा तीर्थयात्री रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं. तुरंत रजिस्ट्रेशन के लिए जम्मू में सरस्वती धाम, वैष्णवी धाम, पंचायत भवन और महाजन सभा में सेंटर खोले गए हैं.
कोई भी खतरा श्रद्धालुओं की आस्था को डिगा नहीं सकता: LG
जम्मू में तवी रिवरफ्रंट पर ‘तवी आरती’ में शामिल जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को कहा कि अमरनाथ यात्रा पर आज पूरी दुनिया की नजरें हैं, और कोई भी खतरा श्रद्धालुओं की आस्था को डिगा नहीं सकता. एलजी सिन्हा ने दावा किया कि इस साल की अमरनाथ यात्रा पिछले सभी वर्षों से कहीं अधिक ऐतिहासिक होगी और उनके लिए यह जम्मू-कश्मीर के प्राचीन गौरव को बहाल करने का एक अवसर है.
उपराज्यपाल ने कहा, “मेरे लिए जम्मू-कश्मीर की जिम्मेदारी सिर्फ एक प्रशासनिक दायित्व नहीं है, यह पावन भूमि को पुनः उसकी खोई हुई छवि को बहाल करने का अवसर है’ मैंने इसे एक पवित्र मंदिर जैसा भव्य रूप देने की कोशिश की है.” उन्होंने आगे कहा कि 2019 के बाद जम्मू-कश्मीर ने अंधकार से बाहर निकलकर सम्मान, गौरव और आध्यात्मिकता की नई ऊंचाइयों की ओर कदम बढ़ाया है.
- मनोज सिन्हा ने अमरनाथ यात्रा को लेकर कहा, “इस यात्रा पर दुनिया की निगाहें हैं. श्रद्धालुओं का संकल्प अडिग है’ कोई धमकी या खतरा उनकी आस्था को डिगा नहीं सकता'” उन्होंने कहा कि पूरा जम्मू-कश्मीर बाबा बर्फानी के भक्तों के स्वागत के लिए तैयार है, और ये यात्रा आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर होगी’ उन्होंने यह भी कामना की कि भगवान शिव सभी को स्वास्थ्य, सुख और शांति प्रदान करें.’