सुलतानपुर: शव दफनाने को लेकर विवाद, ग्रामीणों ने बंजर भूमि में दफनाने का किया विरोध

Uttar Pradesh: सुल्तानपुर जिले के लंभुआ तहसील क्षेत्र के मकसूदन गांव में बुधवार को एक कैंसर पीड़ित की मौत के बाद शव दफनाने को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया. मृतक वाहिद अहमद (35) का इलाज प्रयागराज के कमला नेहरू हॉस्पिटल में चल रहा था. वह लंभुआ कस्बे में बरनवाल साइकिल दुकान पर काम करते थे. मंगलवार को वाहिद का निधन हो गया. उनके दो छोटे बच्चे अरशद (8) और हमजा (5) हैं. परिजन जब शव को गांव में जहां पर पहले शव दफनाया जाता था वहां पर दफनाने की तैयारी कर रहे थे, तब ग्रामीणों ने इसका विरोध किया.

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ग्रामीणों का कहना था कि यह भूमि ग्राम पंचायत की बंजर जमीन है और शव दफनाने के लिए आरक्षित नहीं है. इसके लिए गांव में अन्य जगह जमीन आरक्षित है. परिजनों का कहना है कि यहां पर हमारे पुरखों के समय से शव का अंतिम संस्कार किया जाता रहा है. विवाद की सूचना मिलते ही लंभुआ तहसीलदार और थाना प्रभारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे. प्रशासनिक अधिकारियों ने परिजनों से बातचीत की. उन्हें कब्रिस्तान की वैकल्पिक जमीन पर दफन करने की सलाह दी. शुरू में परिजन इस बात से सहमत नहीं थे. लेकिन काफी समझाने-बुझाने के बाद वे पुराने कब्रिस्तान में शव दफनाने के लिए तैयार हो गए. प्रशासन की सक्रियता से विवाद का शांतिपूर्ण समाधान हो गया.

घटना की जानकारी के लिए जब लंभुआ तहसीलदार के सीयूजी नंबर पर संपर्क किया गया तो कोई जवाब नहीं मिला. उप जिलाधिकारी गामिनी सिंगला के नंबर पर किए गए संपर्क में किसी अन्य व्यक्ति ने कहा कि जानकारी के लिए तहसील आएं.

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