मध्य प्रदेश लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के प्रमुख अभियंता ने अपने विभाग की मंत्री संपतिया उइके के खिलाफ ही एक हजार करोड़ रुपये की कमीशन लेने की शिकायत की जांच शुरू करा दी। मामले ने तूल पकड़ा तो प्रमुख अभियंता ने यू-टर्न लेते हुए आरोपों को तथ्यहीन व मनगढ़ंत बता दिया, लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा जांच कराने को गंभीरता से लेने के बाद देर शाम शासन ने प्रमुख अभियंता को जांच का आदेश करने के लिए नोटिस जारी करके जवाब तलब किया है। उनसे पूछा है कि कैसे उन्होंने अपने अधिकार क्षेत्र से आगे बढ़कर जांच कराने का निर्णय ले लिया।
एक हजार करोड़ रुपये कमीशन लेने का आरोप
बता दें कि संयुक्त क्रांति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व विधायक किशोर समरीते ने प्रदेश की स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मंत्री संपतिया उइके पर एक हजार करोड़ रुपये का कमीशन लेने का आरोप लगाकर प्रधानमंत्री कार्यालय को शिकायत भेजी थी। वहां से आवश्यक कार्रवाई के लिए इसे आगे बढ़ा दिया गया।
नियमानुसार प्रमुख अभियंता को जांच कराने के लिए शासन स्तर पर इसे भेजना चाहिए थे, लेकिन उन्होंने सभी मुख्य अभियंता और जल निगम के परियोजना निदेशक को निर्देश देकर शिकायत पर सात दिन में जांच प्रतिवेदन मांग लिया।
सीएम ने जताई नाराजगी
मामले ने तूल पकड़ा तो आरोपों पर मंत्री ने मंगलवार को जवाब दिया कि मैं बिल्कुल सही हूं, सांच को आंच नहीं। दूसरी ओर, मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने शिकायत पर मंत्री की जांच के लिए आदेश देने पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने मंगलवार को कैबिनेट बैठक के बाद मंत्रियों और मुख्य सचिव अनुराग जैन के साथ अनौपचारिक चर्चा में कहा कि क्या अधिकारी किसी की भी शिकायत पर ऐसी ही जांच करा देंगे।
स्पष्टीकरण मांगा
सूत्रों के अनुसार, कैबिनेट बैठक के बाद हुई अनौपचारिक बैठक में यह मामला उठा था। मुख्यमंत्री ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि यदि कोई शिकायत आई थी तो पहले बताया जाना चाहिए था। मंत्रियों ने भी इस बात का समर्थन किया। देर शाम को इस मामले में प्रमुख अभियंता संजय कुमार अंधवान को उच्च स्तर से अनुमोदन लिए बिना जांच के लिए आदेश देने पर शासन से नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
यह है शिकायत, सीबीआई जांच की मांग
शिकायतकर्ता ने प्रधानमंत्री कार्यालय में शिकायत की थी कि मध्य प्रदेश में जल जीवन मिशन के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा दिए गए 30 हजार करोड़ रुपये का मंत्री, अधिकारी तथा ठेकेदारों ने दुरुपयोग किया गया। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री संपतिया उइके ने एक हजार करोड़ रुपये कमीशन लिया। बड़ी राशि कार्यपालन यंत्री मंडला मनोज भास्कर के माध्यम से ली गई।
विभाग के पूर्व प्रमुख अभियंता बीके सोनगरिया द्वारा ठेकेदारों से लगभग दो हजार करोड़ रुपये का कमीशन अपने एकाउंटेंट महेंद्र खरे के माध्यम से लिया। कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र भी फर्जी भेजे गए। उन्होंने इस मामले की सीबीआई से जांच कराए जाने की मांग की।
तथ्यात्मक रिपोर्ट में निराधार पाई गई शिकायत
मुख्य सचिव कार्यालय से होती हुई शिकायत प्रमुख अभियंता संजय कुमार अंधवान के कार्यालय पहुंची। उन्होंने सभी मुख्य अभियंताओं और जल निगम को पत्र लिखकर परीक्षण कर सात दिन में रिपोर्ट मांगी। जब इस मामले ने तूल पकड़ा तो उन्होंने रिपोर्ट के हवाले से सफाई देते हुए कहा विभागीय मंत्री संपतिया उइके पर भी जो आरोप लगाए गए हैं, वे पूरी तरह असंगत हैं।
मुख्य अभियंता (मैकेनिकल संकाय) द्वारा कोई निविदा जारी नहीं की जाती, अतः उन पर लगाए गए किसी भी प्रकार के आरोप तथ्यों से परे हैं। सभी तथ्यों के परीक्षण और विभागीय प्रक्रियाओं के अवलोकन के बाद यह स्पष्ट रूप से प्रमाणित हुआ है कि शिकायत मनगढ़ंत, तथ्यहीन और दुर्भावनापूर्ण मंशा से प्रेरित है।
मंत्री बोलीं- जांच करें कोई दिक्कत नहीं, मुख्यमंत्री मेरी सच्चाई जानते हैं
इस पूरे मामले पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री संपतिया उइके ने कहा कि मैं सही हूं। सांच को आंच नहीं। जांच करना है करें, कोई दिक्कत नहीं। गरीब, मजदूर वर्ग से आती हूं। यहां जनता की सेवा के लिए आई हूं। मुख्यमंत्री मेरी सच्चाई जानते हैं। वे जवाब देंगे। मुझे प्रताड़ित किया जा रहा है। हमारी भ्रष्टाचार मुक्त सरकार है। कोई शिकायत आती है तो उसकी जांच होती है।
उप मुख्यमंत्री बोले- तथ्यहीन आरोप हैं, प्रक्रियात्मक चूक करने वाले पर कार्रवाई होगी
उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कैबिनेट बैठक के बाद मीडिया से चर्चा में कहा कि हमें देखना चाहिए कि आरोप लगाने वाला कौन है और उसकी विश्वसनीयता क्या है। इस तरह के अनर्गल आरोप लगाकर किसी की छवि को धूमिल करना ठीक नहीं है। मंत्री बहुत लगन के साथ काम कर रही हैं। अनुसूचित जनजाति वर्ग की महिला को टारगेट किया जा रहा है। जांच के निर्देश देने में प्रक्रियात्मक चूक पर कार्रवाई होगी।