सावन में कांवड़ यात्रा के लिए मुजफ्फरनगर जनपद में स्वामी यशवीर महाराज के द्वारा चलाए जा रहे पहचान अभियान पर अब पुलिस का शिकंजा कसता नजर आ रहा है। स्वामी यशवीर महाराज की टीम ने दिल्ली-देहरादून नेशनल हाईवे- 58 पर पड़ने वाली दुकानों, ढाबों और रेस्टोरेंटो पर पहचान अभियान चलाया था, जहां उन्होंने ढाबों पर पहुंचकर उनके मालिक और वहां काम करने वाले कर्मचारियों के आधार कार्ड चेक किए थे. वहीं पंडित जी वैष्णो ढाबे के एक कर्मचारियों ने तो स्वामी यशवीर महाराज की टीम पर पहचान के नाम पर जबरन पैंट उतारने की कोशिश का आरोप भी लगाया था.
हालांकि इस आरोप को यशवीर महाराज के द्वारा एक सिरे से नकार दिया गया था लेकिन यह मामला सुर्खियां बनने के बाद इस मामले को लेकर पुलिस भी हरकत में आई है जिसके चलते पुलिस ने इस मामले में 29 जून को यशवीर महाराज की टीम के तकरीबन 6 सदस्यों को एक नोटिस जारी किया है. यह नोटिस नई मंडी कोतवाली पुलिस द्वारा जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि 28 जून को आप लोगों के द्वारा होटल ढाबो पर पहुंच कर उनके मालिक और कर्मचारियों के नाम पता पूछने और आधार कार्ड चेक करने के दौरान जानकारी मिली है कि आप लोगों द्वारा आपत्तिजनक प्रश्न भी किए गए थे साथ ही आप लोगों के द्वारा शासन या प्रशासन से भी कोई अनुमति नही मांगी गई थी इसलिए आप 3 दिन में उपस्थित होकर अपना स्पष्टीकरण दे.
मुझे क्यों भेजी नोटिस पता नहीं
यशवीर जी महाराज की टीम के एक सदस्य विवेक सनातनी का कहना है कि यशवीर महाराज जी ने एक प्रोग्राम क्या हुआ था. जिसका जो नाम है वही ढाबे पर लिखे. मैं एक-दो ढाबे पर गया था. उसके बाद मैं नहीं गया. मेरे को तो फालतू में नोटिस भेजा गया है. विवेक ने बताया कि नोटिस में यह लिखा हुआ है कि आपने वहां पर कुछ अभद्र हरकतें की हैं. विवेका का कहना है कि मैंने ऐसा कुछ नहीं किया. यह सब फालतू की चीज हैं. जाति नहीं आधार कार्ड देखा था.पैंट उतारने जैसी कोई बात नहीं है. वहां पर कैमरे लगे हुए हैं. यह मुझे नहीं पता यह किसने भिजवाया है नोटिस. दो पुलिसकर्मी आए थे फोन किए और नोटिस देकर चले गए.
नेम प्लेट लगाना अनिवार्य
कांवड़ यात्रा में उत्तर प्रदेश सरकार ने दुकानों, होटल और ढाबों पर नेम प्लेट लगाने के आदेश दिए हैं. सभी जिलों की तरह ही मुजफ्फरनगर जिले के दिल्ली-देहरादून नेशनल हाईवे 58 कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाले होटल, रेस्टोरेंट और ढाबों पर नेम प्लेट अनिवार्य है. सरकार के इस फैसले को लेकर दुकानदारों ने कहा कि कांवड़ यात्रा के दौरान शिव भक्त कांवड़िए हरिद्वार से जल लेकर आते हैं. इसलिए जिस दुकान पर बैठकर वे खाना खाते हैं तो उन्हें यह पता होना चाहिए कि वह किसकी दुकान है.
पालन करेंगे हर नियम
मुस्लिम समुदाय के जो लोग अपने ढाबे चलाते हैं या दुकान लगाते हैं, उनका भी कहना है कि वह इस आदेश का पालन करेंगे और अपने होटल दुकानों पर नेम प्लेट लगाएंगे. वहीं जब कावड़ियों से बात की तो उनका साफ तौर पर कहना था कि सरकार ने जो यह नेम प्लेट लगाने की पहल की है, वह बहुत अच्छी है, क्योंकि बहुत से लोग खाद्य पदार्थों की दुकान लगाकर कांवड़ियों का धर्म भ्रष्ट करने का काम करते हैं. जब प्रतिष्ठानों पर नेम प्लेट लगेगी तो शिव भक्तों को यह पता होगा कि वह किसकी दुकान पर बैठकर खा पी रहे हैं.