सावन का महीना 8 दिन बाद शुरू होने वाला है, इसके साथ ही कांवड़ यात्रा को लेकर तैयारियां की जा रही हैं. कावड़ यात्रा के दौरान मीट की सभी दुकानों को बंद करने को लेकर बहस छिड़ गई है. ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने प्रतिक्रिया देते हुए इस तरह के किसी आदेश को तुगलकी फरमान करार दिया है. इस बहस में कांग्रेस नेता दिग्विजय की प्रतिक्रिया भी सामने आई है.
ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने कहा, “उत्तर प्रदेश, दिल्ली के बाद अब उत्तराखंड सरकार का भी तुगलक की फरमान जारी हुआ है. कावड़ रूट पर नाम लिखे जाएंगे और मीट की दुकान बंद रहेंगे ये बड़ी अजीब स्थिति है. उन्हें जुर्माने की धमकी देना, इस तरह के आदेश कहां तक उचित है.
उन्होंने कहा कि संविधान देश धर्मनिरपेक्ष है. सरकार धर्मनिरपेक्ष सभी धर्म की सरकार है, तो फिर एक धर्म के लिए क्यों काम किया जा रहा है. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.
नाम बदलकर सामान नहीं बेचना चाहिए- एसटी हसन
मुरादाबाद के पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने सरकार के फैसले पर प्रतिक्रिया दी है. डॉ. एसटी हसन ने कहा, “होटल पर नाम लिखना गलत नहीं है, लेकिन नाम छुपाने में हर्ज है. नाम बदलकर सामान नहीं बेचना चाहिए”
उन्होंने आगे कहा, “सबसे बड़ा मीट एक्सपोर्टर, जो बीफ निर्यात करता है, उसका मालिक हिंदू है. हमारा मानना है कि व्यक्ति को अपने धर्म के अनुसार अपनी पहचान रखनी चाहिए” जमाखोरी से संबंधित सवाल पर उन्होंने कहा, “200,000 रुपये का जुर्माना बहुत ज्यादा है. इसे 500 से 1,000 रुपये के बीच रखना चाहिए”
कांवड़ यात्रा का इस्तेमाल नफरत नहीं हो- दिग्विजय
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह कांवड़ यात्रा पर कहा, “अगर कोई राज्य सरकार कांवड़ यात्रा के लिए सुविधाएं मुहैया कराती है, तो इसमें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन मुद्दा तब उठता है जब कांवड़ यात्रा का इस्तेमाल नफरत का माहौल बनाने के लिए किया जाता है, जो सभ्य समाज में स्वीकार्य नहीं है. “