दिल्ली हाई कोर्ट ने 023 के संसद सुरक्षा भंग मामले में नीलम आजाद और महेश कुमावत को जमानत दे दी है. कोर्ट ने उन्हें ,50000 रुपये के निजी मुचलके और समान राशि के दो जमानतदारों पर रिहा किया है. इसके साथ ही जमानत देते हुए कोर्ट ने साफ कहा कि वे न तो किसी को इंटरव्यू दे सकते हैं और घटना से संबंधित कोई भी पोस्ट सोशल मीडिया पर नहीं डाल सकते हैं. दोनों को 13 दिसंबर, 2023 को संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले में अन्य आरोपियों के साथ गिरफ्तार किया गया था.
संसद सुरक्षा भंग मामले में नीलम आजाद और महेश कुमावत को दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत दी है. यह फैसला निचली अदालत के जमानत याचिका खारिज करने के बाद हाईकोर्ट में दायर की गई अपील पर दिया गया है. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद और हरीश वैद्यनाथन शंकर की बेंच ने नीलम आजाद और महेश कुमावत को जमानत दी है.
सोशल मीडिया पर नहीं कर सकते पोस्ट
संसद सुरक्षा भंग करने वाले आरोपियों को कोर्ट ने जमानत देने से पहले कुछ शर्तें रखी हैं. कोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि वे न तो किसी भी मीडिया संस्थान को इंटरव्यू दे सकते हैं और नही इस घटना के बारे में बात कर सकते हैं. इसके साथ ही सोशल मीडिया पर भी घटना के बारे में पोस्ट करने पर साफ मनाही है.
क्या था पूरा मामला?
2001 के संसद आतंकी हमले की 13 दिसंबर, 2023 को 22वीं बरसी थी. इस दौरान लोकसभा में कार्यवाही के दौरान आरोपी सागर शर्मा और मनोरंजन डी ऑडियंस गैलरी से वेल के अंदर कूद गए. सांसदों की टेबल पर उछलते हुए स्पीकर की ओर बढ़ने लगे. आरोपियों ने इस दौरान जूते से स्मोक कैन निकालकर चला दिए. इसके साथ ही वे वहां नारेबाजी करने लगे. इस दौरान उन्होंने सदन में पीले रंग का धुआं उड़ाया, जिसके कारण सदन में अफरा-तफरी मच गई. इसी बीच संसद परिसर में नीलम और अमोल को प्रोटेस्ट करते पकड़ा गया था. तभी से ये लोग जेल में बंद हैं.