अमेठी: चोरी के शक में पुलिस ने नाबालिगों को आधी रात घर से उठाया, थाने में की बर्बर पिटाई…दो सिपाही निलंबित

उत्तर प्रदेश: अमेठी जनपद की मुसाफिरखाना कोतवाली में पुलिस की बर्बरता का सनसनीखेज मामला सामने आया है। चोरी के एक मामले में पुलिस ने बीते रविवार की रात गांव से दो नाबालिग लड़कों और एक युवक को जबरन घर से उठा लिया और थाने ले जाकर जमकर पिटाई की। मामले के तूल पकड़ने के बाद एसपी ने दो सिपाहियों को निलंबित कर दिया है और एडिशनल एसपी को जांच सौंपी गई है।

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जानकारी के मुताबिक, मुसाफिरखाना कोतवाली में तैनात सिपाही संतोष कनौजिया, अर्धेन्दु चौहान, चंदन और अविनाश यादव रविवार की रात करीब 12 बजे पिंडारा करनाई गांव पहुंचे। वहां से उन्होंने दो नाबालिग किशोरों और अशोक मौर्य नामक युवक को बिना कोई वजह बताए घर से उठाया और थाने ले गए।

पीड़ितों का आरोप है कि थाने में चारों सिपाहियों ने उन्हें रात भर पट्टे, डंडों और लात-घूंसों से बारी-बारी पीटा। नाबालिगों ने बताया कि उन्होंने पुलिस को अपनी उम्र और पढ़ाई की जानकारी दी, लेकिन फिर भी पुलिस ने उन्हें बख्शा नहीं। परिजनों को बिना सूचना दिए बच्चों को उठाकर ले जाना और नाबालिग होने के बावजूद उनका शांतिभंग में चालान करना, कानून की सीधी अवहेलना है। अशोक मौर्य को सोमवार दोपहर थाने से छोड़ दिया गया, जबकि दोनों किशोरों का चालान कर कोर्ट में पेश किया गया।

सांसद से की शिकायत, दो सिपाही सस्पेंड

तीनों पीड़ितों ने सांसद किशोरीलाल शर्मा से मुलाकात कर पूरी घटना की शिकायत की। सांसद ने तत्काल पुलिस अधिकारियों से बात कर कार्रवाई की मांग की। इसके बाद पुलिस अधीक्षक अपर्णा रजत कौशिक ने सिपाही संतोष कनौजिया और अर्धेन्दु चौहान को प्राथमिक जांच के आधार पर निलंबित कर दिया और मामले की जांच एडिशनल एसपी को सौंप दी। वहीं एसपी अपर्णा रजत कौशिक ने कहा कि घटना गंभीर है। मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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