मध्यप्रदेश: दमोह के मिशन अस्पताल की कैथ लैब और वहां पर सेवाएं देने वाले डॉक्टर एन जॉन केम को राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की जांच रिपोर्ट में फर्जी बताया गया है। इसके अलावा मिशन अस्पताल में मरीजों को आयुष्मान कार्ड के नाम पर मिलने वाली सुविधाओं में भी बड़े फर्जीवाड़े की बात कही गई है। साथ ही तत्कालीन सीएमएचओ डॉक्टर मुकेश जैन की प्रशासनिक जांच के भी आदेश दिए गए हैं।
आयोग की जांच रिपोर्ट के आधार पर मिशन अस्पताल और उसकी प्रबंध समिति पर 7 अलग-अलग एफआईआर दर्ज करने के आदेश जारी किए गए हैं। मिशन अस्पताल के विदेशी फंडिंग सहित ईओडब्ल्यू को फर्जीवाड़े की जांच की सिफारिश की गई है।
मिशन अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर एन जॉन केम पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी डिग्री के आधार पर दमोह के 7 मरीजों की एंजियोप्लास्टी की। उनकी लापरवाही से मरीजों की जान चली गई। इस मामले को भी आयोग ने संज्ञान में लिया था। आयोग की जांच रिपोर्ट में मिशन अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टर केम से 10-10 लाख की जुर्माना राशि सभी 7 मरीजों को देने के आदेश दिए गए हैं।
इस लापरवाही की शिकायत राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में करने वाले बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष एडवोकेट दीपक तिवारी और कृष्णा पटेल को व्हिसल ब्लोअर एक्ट के तहत सुरक्षा प्रदान किए जाने के निर्देश भी दिए गए हैं।
सीएमएचओ ने दो महीने जांच को दबाए रखा
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष तिवारी ने बताया कि जनवरी-फरवरी में एक फर्जी डॉक्टर एन जॉन केम ने 7 हृदय रोगी मरीजों का इलाज किया था, जिससे उनकी मौत हो गई थी। इस मामले की शिकायत मैंने कलेक्टर से की थी। कलेक्टर ने सीएमएचओ को जांच के आदेश दिए थे। सीएमएचओ डॉक्टर मुकेश जैन ने दो महीने तक इस जांच को दबाकर रखा। इसके बाद मुझे राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में शिकायत करनी पड़ी। आयोग की टीम ने आकर इस मामले की जांच की। मरीजों के परिजनों से बात की। उसके बाद अब जांच रिपोर्ट आई है। उसमें मिशन अस्पताल के प्रमुख डॉ. अजय लाल भी आरोपी हैं।
शिकायतकर्ता तिवारी के मुताबिक, जांच में यह भी स्पष्ट हुआ है कि यह अस्पताल सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर बनाया गया है। आयोग ने अस्पताल का रजिस्ट्रेशन रद्द करने के लिए भी लिखा है। तिवारी ने कहा कि अब जिला प्रशासन के ऊपर निर्भर करता है कि वह इस मामले में कितनी जल्दी कार्रवाई कर उन पीड़ितों को न्याय दिलाएंगे, जिनके परिजनों की मौत हुई है।
कलेक्टर बोले- अभी मेरे पास जांच रिपोर्ट नहीं आई
जांच रिपोर्ट के मामले में कलेक्टर सुधीर कोचर का कहना है कि अभी उनके पास जांच रिपोर्ट नहीं आई है। रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद ही जानकारी दे पाएंगे। मरीजों की मौत के मामले में आरोपी डॉक्टर केम तीन माह से जेल में है। इसके अलावा डॉ. अजय लाल और प्रबंध समिति सदस्यों पर भी एफआईआर दर्ज है। इनकी गिरफ्तारी के लिए इनाम घोषित है। ऐसी संभावना है कि डॉ. अजय लाल विदेश में है।