जयपुर के कूकस स्थित होटल फेयर माउंट में बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने रेड की। महादेव बेटिंग ऐप केस में छत्तीसगढ़ रायपुर की ईडी टीम ने ये कार्रवाई की है।
ईडी को महादेव बेटिंग ऐप मामले के आरोपियों के फेयर माउंट होटल में रुके होने की सूचना मिली थी। इसी इनपुट के आधार पर ईडी की टीम ने होटल में दबिश देकर छापेमारी की।
ईडी के अनुसार इस केस में वांछित सौरभ आहूजा जयपुर में चोरी छिपे शादी कर रहा था। ईडी चाहती थी कि सौरभ को फेरे होने के बाद पकड़ा जाए। इस वजह से बुधवार सुबह रेड की।
उधर, सौरभ को पता लग गया था कि ईडी उसे पकड़ने पहुंच चुकी है। ऐसे में वो होटल से फरार हो गया। इस केस में प्रणवेंद्र समेत तीन लोगों को पकड़ लिया। उन्हें फ्लाइट से ही रायपुर लेकर गए हैं।
ईडी ने सौरभ की दुल्हन से भी पूछताछ की कोशिश की, लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। वर-वधू पक्ष के लोगों से भी पूछताछ की गई।
कौन है सौरभ आहूजा? भोपाल से जुड़ी सौरभ आहूजा फैमिली ने रायपुर से जुड़े मुख्य आरोपी की दुबई में हुई शादी पार्टी में प्लेन बुक करने में भूमिका अदा की थी। विशेष प्लेन से गेस्ट को दुबई ले जाया गया था।
16 अप्रैल को भी जयपुर में ED ने मारे थे छापे महादेव बेटिंग ऐप मामले में छत्तीसगढ़ से आई ईडी की टीम ने 16 अप्रैल को जयपुर में ड्राई फ्रूट व्यापारी के घर पर छापा मारा था। सोडाला स्थित एपल रेजीडेंसी में व्यापारी भरत दाधीच के फ्लैट पर ईडी की टीम ने सर्च किया था। इसके साथ ही महादेव बेटिंग ऐप से जुड़े लोगों के 60 ठिकानों पर सर्च कार्रवाई की गई थी। ये कार्रवाई छत्तीसगढ़, भोपाल (मध्य प्रदेश), कोलकाता (पश्चिम बंगाल), दिल्ली और राजस्थान में एक साथ की गई थी।
ईडी को जयपुर से मनी लॉन्ड्रिंग, क्रिप्टो करेंसी और शैल कंपनियों से जुड़े सबूत मिले थे। इसी आधार पर यह कार्रवाई की जा रही है। जयपुर के कई बड़े व्यापारी भी ईडी के रडार पर हैं, जिनके खाते महादेव बेटिंग ऐप से जुड़े पाए गए। छापेमारी के दौरान कई डॉक्यूमेंट और डिजिटल सबूत मिले थे।
महादेव बुक अवैध रूप से करोड़ों का लेन-देन करता है महादेव बुक पिछले कुछ सालों में भारत में सबसे बड़े ऑनलाइन सट्टेबाज प्लेटफॉर्म में से एक बन गया है। यह ऐप और वेबसाइट के जरिए अवैध रूप से करोड़ों रुपए का लेन-देन करता है और क्रिकेट, फुटबॉल जैसे खेलों पर सट्टा लगाता है।
इसका नेटवर्क पूरे देश में फैला हुआ है। इसमें कई प्रभावशाली लोग भी शामिल हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी पिछले साल इस घोटाले की जांच की थी और कई करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की थी। महादेव बुक से जुड़े कुछ लोगों को अरेस्ट भी किया था।
2019 में जूस बेचने वाले सौरभ ने शुरू की थी महादेव बेटिंग ऐप
छत्तीसगढ़ के भिलाई निवासी रामेश्वर चंद्राकर नगर निगम में पानी के पंप चलाने वाले ऑपरेटर का काम करते हैं। उनके बेटे का नाम सौरभ चंद्राकर है। सौरभ भिलाई में ही ‘जूस फैक्ट्री’ के नाम से एक छोटी सी जूस की दुकान चलाता था। इसी दौरान उसकी दोस्ती रवि उप्पल नाम के एक इंजीनियर से हो गई।
2017 में रवि और सौरभ ने मिलकर ऑनलाइन सट्टेबाजी के जरिए पैसा कमाने के लिए एक वेबसाइट बनाई। हालांकि, शुरुआत में इस वेबसाइट के कम यूजर्स थे और इससे काफी कम कमाई होती थी।
सौरभ की कमाई का मुख्य जरिया जूस की दुकान ही थी। उसका दोस्त रवि उप्पल एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता था। 2019 में नौकरी के लिए सौरभ दुबई चला गया। कुछ समय बाद सौरभ ने अपने दोस्त रवि उत्पल को भी दुबई बुलवा लिया। रवि के दुबई पहुंचने से पहले सौरभ ने बेटिंग वेबसाइट के जरिए पैसा कमाने का पूरा प्लान तैयार कर लिया था।
इसके बाद दोनों ने महादेव बुक ऑनलाइन के नाम से एक बेटिंग वेबसाइट और ऐप बनाया। इसे सोशल मीडिया और दूसरे तरीके से प्रमोट करना शुरू कर दिया।
सौरभ ने महादेव कंपनी का बिजनेस फैलाने के लिए दो रास्ते अपनाए। पहला- सोशल मीडिया मार्केटिंग और इन्फ्लुएंसर के जरिए ऐप को प्रमोट करवाया। दूसरा- सट्टा लगाने वाले दूसरे ऐप और वेबसाइट को खरीद लिया।
कंपनी यूजर्स को पैसे देकर लगवाती है गेम खेलने की लत
‘महादेव बुक’ नाम के इस ऐप से कुछ ही महीनों के भीतर 12 लाख से अधिक लोग जुड़ गए। इसने जुड़ने वालों में सबसे ज्यादा लोग छत्तीसगढ़ के रहने वाले थे। क्रिकेट से लेकर चुनाव तक में सट्टा लगाने के लिए लोग इस ऐप का इस्तेमाल करते थे। इसके यूजर्स इस ऐप के इस्तेमाल के लिए अलग से बैंक अकाउंट तक खुलवाने लगे थे।
कोरोना महामारी और इसके बाद ‘महादेव ऐप’ का कारोबार तेज रफ्तार से आगे बढ़ा। 2021 में कोरोना की वजह से बिना दर्शकों के IPL का आयोजन हुआ। उस वक्त महादेव ऐप के जरिए 2 हजार करोड़ से ज्यादा की सट्टेबाजी हुई थी।
महादेव बुक ऑनलाइन कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर दावा किया है कि फिलहाल 99 लाख से ज्यादा लोग उसके साथ जुड़े हैं।