प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय घाना के दौरे पर हैं. यह यात्रा किसी भारतीय प्रधानमंत्री की तीन दशक में पहली घाना यात्रा है. आज गुरुवार को पीएम मोदी को घाना की संसद को संबोधित करने का न्योता दिया गया. यहां अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि मैं बेहद सम्मानित महसूस कर रहा हूं. दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध हैं. हमारी दोस्ती आपके मशहूर Sugar Loaf Pineapple (अनानास) से भी मीठी है.
अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज इस प्रतिष्ठित सदन को संबोधित करते हुए मुझे अत्यंत गौरव का अनुभव हो रहा है. घाना में होना सौभाग्य की बात है, यह एक ऐसी भूमि है जो लोकतंत्र की भावना से ओतप्रोत है. विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रतिनिधि के रूप में मैं अपने साथ 1.4 अरब भारतीयों की सद्भावना और शुभकामनाएं लेकर आया हूं. घाना से मिले सर्वोच्च सम्मान के लिए मैं 140 करोड़ भारतीयों की तरफ से आभार व्यक्त करता हूं.
पीएम मोदी ने कहा कि जब हम घाना की ओर देखते हैं, तो हमें एक ऐसा राष्ट्र दिखाई देता है जो साहस के साथ खड़ा रहता है, जो हर चुनौती का सामना गरिमा और सम्मान के साथ करता है. आपकी समावेशी प्रगति के प्रति प्रतिबद्धता ने घाना को पूरे अफ्रीकी महाद्वीप के लिए एक प्रेरणा का प्रकाश स्तंभ बना दिया है. मित्रों, बीती शाम का अनुभव मेरे लिए अत्यंत भावुक करने वाला रहा. आपका राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त करना मेरे लिए एक गहरा गौरव है, जिसे मैं सदा संजोकर रखूंगा.
जब पीएम मोदी ने भारत के लोकतंत्र की तारीफ करते हुए कहा कि हमारे देश में 2500 राजनीतिक दल हैं, जिसमें से 17 से 18 शासन करते हैं तो घाना के सांसद भी हैरान रह गए. वह एक दूसरे को देखने लगे.
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है. हमारे लिए लोकतंत्र केवल एक व्यवस्था नहीं है, यह हमारे मौलिक मूल्यों का हिस्सा है. भारत में 2,500 से ज़्यादा राजनीतिक दल हैं, 20 अलग-अलग पार्टियां अलग-अलग राज्यों पर शासन करती हैं, 22 आधिकारिक भाषाएं हैं, हज़ारों बोलियां हैं. यही वजह है कि भारत आने वाले लोगों का हमेशा खुले दिल से स्वागत किया गया है.
भारत ने घाना के साथ 4 MoU पर किया साइन
भारत और घाना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा की मौजूदगी में चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए.
कल्चरल एक्सचेंज प्रोग्राम (CEP) पर MoU: आर्ट, म्यूजिक, डांस, साहित्य और विरासत में अधिक सांस्कृतिक समझ और आदान-प्रदान को बढ़ावा देने का मकसद.
भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) और घाना मानक प्राधिकरण (GSA) के बीच MoU: इसका मकसद मानकीकरण, प्रमाणन और अनुरूपता मूल्यांकन में सहयोग बढ़ाना है.
घाना के ट्रेडिशनल एंड अल्टरनेटिव मेडिसिन (ITAM) और भारत के आयुर्वेद शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (ITRA) के बीच MoU: पारंपरिक चिकित्सा शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान में सहयोग करने का उद्देश्य.
जॉइंट कमीशन मीटिंग पर MoU: इसका मकसद उच्च स्तरीय वार्ता को संस्थागत बनाना और नियमित आधार पर द्विपक्षीय सहयोग तंत्र की समीक्षा करना है.
पारंपरिक शैली में मोदी का स्वागत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का घाना की पारंपरिक शैली में स्वागत किया गया, जिसमें संगीत और नृत्य शामिल था, जो दोनों देशों के बीच गहरे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों को दर्शाता है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस यात्रा के महत्व को साझा करते हुए इसे एक ऐतिहासिक क्षण और भारत-घाना के बीच उपनिवेशवाद के खिलाफ उनके साझा संघर्षों के दौरान बने स्थायी बंधन का प्रतीक बताया.
अकरा स्थित होटल पहुंचने पर बड़ी तादाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भारतीय समुदाय के लोगों ने स्वागत किया. घाना में 15,000 से ज्यादा प्रवासी रहते हैं.
इसके बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अकरा के जुबली हाउस में राष्ट्रपति महामा के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक की. दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की और आपसी हितों के विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति की समीक्षा की.
प्रधानमंत्री मोदी ने भी सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “घाना के अकरा में उतरा. राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा द्वारा एयरपोर्ट पर स्वागत किए जाने के बाद मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं. हमारे देश हमारे दीर्घकालिक संबंधों को मजबूत करने और सहयोग के नए रास्ते तलाशने के लिए मिलकर काम करने के लिए तैयार हैं.”