मस्तूरी थाना पुलिस की टीम ने रलिया मोड़ के पास घेराबंदी कर कार सवार युवक को 20 किलो गांजा के साथ गिरफ्तार किया है। आरोपी युवक तस्कर के कहने पर ओडिशा से गांजा लेकर आ रहा था। आरोपी और उसके साथी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। आरोपी के साथी की तलाश की जा रही है।
मस्तूरी थाना प्रभारी हरीश टांडेकर ने बताया कि मंगलवार की शाम सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति ओडिशा के बरगढ़ से गांजा लेकर रलिया से होकर गनियारी की ओर जा रहा है। इस पर पुलिस की टीम ने रलिया मोड़ के पास घेराबंदी किया। इस दौरान सीपत क्षेत्र के पंधी निवासी नीरज वर्मा उर्फ मोनू वर्मा (20) को पकड़ लिया। आरोपी की कार की तलाशी में 19 पैकेट में भरा हुआ 20 किलो गांजा मिला। इसे जब्त कर युवक को थाने लाया गया।
थाने में पूछताछ के दौरान युवक ने बताया कि कोटा क्षेत्र के गनियारी में रहने वाले विनोद वर्मा ने उससे गांजा मंगाया था। वह ओडिशा से गांजा लाकर गनियारी छोड़ने जा रहा था। इससे पहले ही पुलिस की पकड़ में आ गया। इधर युवक के पकड़े जाने की जानकारी मिलते ही विनोद अपने ठिकाने से फरार हो गया है। उसके संभावित ठिकाने पर पुलिस की टीम दबिश दे रही है।पुलिस ने पकड़े गए युवक के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई कर न्यायालय में पेश किया है। आरोपित को न्यायालय के आदेश पर जेल भेजा गया है।
तस्करों ने बदला रास्ता
उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार में गांजा सप्लाई के लिए छत्तीसगढ़ के रास्ते से तस्कर गुजरते रहे हैं। करीब एक साल से पुलिस ने एनडीपीएस के मामले में सप्लायर, कूरियर और कंज्यूमर तीनों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। साथ ही सफेमा कोर्ट के माध्यम से उनकी संपत्ति जब्त कर रही है। इसके चलते गांजा तस्करों ने अपना रास्ता बदल दिया है। अब तस्कर दूसरे रास्ते की तलाश में हैं।
आरपीएफ के जवानों पर भी हुई थी कार्रवाई
बिलासपुर आरपीएफ के चार जवानों को भी आडिशा से गांजा तस्करी करने वालों को मदद करने का आरोप था। बीते साल अक्टूबर माह में एंटी क्राइम एंड सायबर यूनिट को मुखबिर से सूचना मिली थी कि आरपीएफ के जवान ओडिशा से आने वाले तस्करों को पकड़ते थे। इसके बाद उन्हें छोड़ने के लिए गांजा अपने पास रख लेते थे। इसे बाद में वह अपने साथियों के सहयोग से खपाते थे। मामले में जवान सौरभ नागवंशी, मुन्ना प्रजापति, लक्ष्मण गइन और सतोष राठौर व उसके साथी सौरभ सौंधिया के गिरफ्तार कर लिया।