राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की अखिल भारतीय प्रचार प्रचारक की बैठक चार जुलाई से छह जुलाई तक होगी. इस बैठक में संघ प्रमुख मोहन भावगत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले सहित 46 प्रांतों के प्रांत प्रचारक संग सह प्रांत प्रचारक शामिल होंगे. कल से इसी परिसर में प्रांत प्रचारक बैठक 233 कार्यकर्ता हिस्सा लेंगे. बैठक को लेकर गुरुवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि मार्च से अब तक 28571 लोग आरएसएस में ज्वाइन करने का आवेदन किया है. इसके साथ ही संघ ने सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले के बयान का समर्थन किया है. हाल में दत्तात्रेय ने संविधान में समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता को शामिल किये जाने पर सवाल उठाया था.
सवाल पर संघ के प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर कहा कि सरकार्यवाह ने जो टिप्पणी की है, वो स्पष्ट है उसपर चर्चा होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि आपातकाल में जो अत्याचार हुए, उनका स्मरण हुआ है. उसमें कौन -कौन सी बातों पर चर्चा होनी चाहिए. उसको लेकर उन्होंने कहा है. उनपर चर्चा होनी ही चाहिए.
संघ हर वर्ग को साथ लेकर चलता है
संघ संगठन स्ट्रक्चर में पिछड़ों की कमी के विपक्ष के आरोपों पर उन्होंने कहा कि संघ एक देशव्यापी सामाजिक संगठन है. संघ राजनीतिक दल की तरह काम नहीं करता है. अपने कार्यकर्ताओं से संपर्क करते हुए जाता है. यही कारण है संघ देशव्यापी है. हर वर्ग को साथ लेकर चलते हैं.
जातिगत जनगणना पर पूछे गये सवाल पर उन्होंने कहा कि संघ की प्राथमिकता सामाजिक सद्भाव की है, जो भी लोगों के कल्याण के लिए काम करना है. उसके लिए जिस भी जानकारी की जरूरत है वो सरकार ले सकती है. सामाजिक सद्भाव जरूरी है.
कांवड़ यात्रा विवाद पर आंबेकर ने कही ये बात
कांग्रेस नेताओं द्वारा संघ को बैन करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि संघ एक समाजिक संगठन है. हम सब टीका-टिप्पणी के साथ ही चलते हैं. बहुत बड़ा वर्ग संघ के साथ जुड़ रहा है. लोगों का समर्थन मिल रहा है. समय-समय पर इन बातों पर विचार चलता रहता है.
कांवड़ यात्रा विवाद पर उन्होंने कहा कि देश में धार्मिक आयोजन होते हैं. सुचारू रूप से होते हैं. मंदिरों में भी बड़े-बड़े आयोजन होते आएं हैं. हमारे देश में न्याय व्यवस्था है. सामाजिक तौर पर सद्भाव बना रहे. ये हमारी प्राथमिकता है. बिहार में वोटर लिस्ट विवाद पर उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग जब भी चुनाव आते हैं तब चुनाव की सूची में संशोधन होता है. ये सामान्य प्रक्रिया चल रही है.