अमेठी : जिले की मुसाफिरखाना कोतवाली पुलिसिया मनमानी का माडल बन गई है.मनमानी के एक के बाद एक प्रकरण सामने आ रहे हैं.किसी में कार्रवाई ही नहीं होती तो किसी में छोटों को निबटाकर बड़ों को बाल-बाल बचा लिया जाता है.दो दिन पहले पूछताछ के नाम पर दो किशोरों व एक युवक के साथ की गई बर्बरता के मामले में भी ऐसी ही पुनरावृत्ति देखने को मिल रही है.बीते रविवार की रात 12 बजे मुसाफिरखाना कोतवाली क्षेत्र के पिंडारा करनाई गांव निवासी दो नाबालिग लड़कों व एक युवक को पुलिस चोरी की आशंका में उनके घर से उठा लाई थे.
आरोप है कि तीनों की रात भर लाकअप में पट्टा, डंडा व लात घूंसों से जमकर पिटाई की गई. पिटाई के बाद भी पुलिस को जब चोरी के संबंध में कोई जानकारी हासिल नहीं हुई तो सोमवार को पुलिस ने दोनों नाबालिक लड़कों का शांति भंग में चालान कर दिया और युवक को छोड़ दिया.
पीड़ितों ने सांसद किशोरीलाल शर्मा से शिकायत कर थाने के चार सिपाहियों संतोष कनौजिया, अर्धेन्दु चौहान, चंदन और अविनाश यादव पर बर्बरता पूर्वक पिटाई के आरोप लगाए.जिसके बाद एसपी ने दो सिपाही संतोष कनौजिया और अर्धेन्दु चौहान को निलंबित कर दिया.जबकि शेष दोनों सिपाहियों और बड़े साहबों को लेकर अभी चुप्पी है। 17 साल के हैं पीड़ित लड़के हाईस्कूल परीक्षा के अंकपत्र के अनुसार पीड़ित दोनों किशोर 17 साल दो माह के हैं.
एक की जन्मतिथि 6 मई 2008 है और दूसरे की जन्मतिथि एक मई 2008 है.ऐसे में बिना किसी जांच और पुष्टि ने पुलिस ने दोनों का शांतिभंग में चालान कर दिया.इस सवाल का जवाब पुलिस के पास नहीं है। जब नहीं की चोरी तो क्यों पीटा पुलिस दोनों किशोरों व एक युवक को चोरी की आशंका में उठाया था.
लेकिन कोई साक्ष्य न मिलने पर शांतिभंग की कार्रवाई कर दी.ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि जब लड़कों ने चोरी नहीं की तो उनको पुलिस ने टार्चर क्यों किया.सीसीटीवी से खुलेगा राज शासन के निर्देशानुसार सभी थानो में सीसीटीवी लगाये गये हैं.ऐसे में सीसीटीवी कैमरों से पूरे मामले का पर्दाफाश हो सकता है.
अपर्णा रजत कौशिक एसपी अमेठी ने बताया कि एएसपी से पूरे प्रकरण की जांच कराई जा रही है.प्रारम्भिक रूप से लड़कों को उनके घर से लाने में दोषी मिले दो सिपाहियों को निलंबित किया गया है.जांच में इस प्रकरण में जो भी अन्य पुलिस कर्मी दोषी पाए जाएंगे, उनपर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी.